Mayawati on Women’s Reservation Bill : लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने शुक्रवार को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को महिला आरक्षण विधेयक में शामिल करने के साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति की महिलाओं को अलग से आरक्षण देने की मांग की।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर जारी पोस्ट में कहा, ‘‘महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने का स्वागत, किन्तु देश इसका भरपूर व जोरदार स्वागत करता अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलंब लागू हो जाता। अब तक लगभग 27 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता का अब आगे और लम्बा इंतजार करना कितना न्याय संगत?”
1. महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हो जाने का स्वागत, किन्तु देश इसका भरपूर व जोरदार स्वागत करता अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलम्ब लागू हो जाता। अब तक लगभग 27 वर्षों की लम्बी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता का अब आगे और लम्बा इंतजार करना कितना न्यायसंगत?
— Mayawati (@Mayawati) September 22, 2023
मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ‘‘वैसे देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना बहुजन समाज के उस बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है। इसी प्रकार एससी व एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी उतना ही अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है।’’
2. वैसे देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना बहुजन समाज के उस बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है। इसी प्रकार एससी व एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी उतना ही अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है।
— Mayawati (@Mayawati) September 22, 2023
उन्होंने कहा, ‘‘किन्तु जहां चाह है वहां राह है और इसलिए सरकार ओबीसी समाज को इस महिला आरक्षण बिल में शामिल करे, एससी व एसटी वर्ग (अनुसूचित जाति-जनजाति) महिलाओं को अलग से आरक्षण दे तथा इस विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सभी जरूरी उपाय करे। धार्मिक अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं की भी उपेक्षा अनुचित।’’ महिला आरक्षण से संबंधित ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक’ को 128 वें संविधान संशोधन के तौर पर बृहस्पतिवार को संसद की मंजूरी मिली। इसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।