Akhilesh Yadav Monsoon Offer: उत्तर प्रदेश। यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी में खटपट के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव के एक ट्वीट ने खलबली मचा दी है। सोशल मीडिया पर यह ट्वीट खूब वायरल हो रहा है। बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मानसून ऑफर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए लिखा है – मानूसन ऑफर: सौ लाओ, सरकार बनाओ!
मानसून ऑफ़र: सौ लाओ, सरकार बनाओ!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2024
ये पहली बार नहीं हुआ है, जब अखिलेश यादव ने केशव प्रसाद मौर्य को ऑफर दिया है। इससे पहले केशव मौर्य जब-जब अपनी पार्टी से, नेताओं से नाराजगी जताते हैं तब-तब अखिलेश यादव उन्हें ऑफर दे देते हैं। अखिलेश ने एक बार कहा था कि वे (केशव प्रसाद मौर्य) आज भी 100 विधायक ले आएं तो समाजवादी पार्टी उन्हें सरकार बनाने में समर्थन करेगी। इसके साथ ही तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाओं के बीच दिल्ली से केशव प्रसाद मौर्य के लखनऊ लौटने पर सपा प्रमुख ने कटाक्ष करते हुए ‘लौट के बुद्धू घर को आए’ भी कहा है।
लौट के बुद्धू घर को आए!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2024
बीजेपी में अंदरूनी विवादों की खबर सामने आने पर सपा प्रमुख ने कहा था कि भाजपा की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में यूपी में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम भाजपा दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है। जनता के बारे में सोचने वाला भाजपा में कोई नहीं है। वहीं, अखिलेश के इस बयान पर डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि देश और प्रदेश दोनों जगहों पर भाजपा की मजबूत संगठन और सरकार है। सपा का पीडीए धोखा है, उन्होंने दावा किया था कि यूपी में सपा के गुंडाराज की वापसी असंभव है और भाजपा 2027 विधानसभा चुनाव में 2017 दोहराएगी।
बता दें कि कुछ दिनों पहले बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी, जिसमें बीजेपी के नेताओं की कलह सामने आई। यहां डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है। कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है। इधर, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अति आत्मविश्वास ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को नुकसान पहुंचाया है। सीएम ने कहा था, “2014 और उसके बाद के चुनावों में बीजेपी के पक्ष में जितने प्रतिशत वोट थे, बीजेपी 2024 में भी उतने ही वोट हासिल करने में सफल रही है। लेकिन, वोटों की शिफ्टिंग और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है।