लखनऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पूरे पूर्वांचल में जिस माफिया डॉन से हर आम और खास लोग खौफ खाते थे वह मुख्तार अंसारी अब सुपुर्द-ए-ख़ाक हो चुका हैं। (Mukhtar Ansari had attacked Yogi Adityanath) भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शनिवार को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद दर्जी टोला में उसे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मुख़्तार अंसारी को अंतिम विदाई देने भी पहुँच थे।
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बहरहाल मुख्तार अंसारी आज भले ही दुनिया से रुखसत हो चुका हो लेकिन उसके अपराध के किस्से पूर्वांचल गलियारों में शायद हमेशा ही गूंजता रहेगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि मुख्तार ने आज से 16 साल पहले 2008 में मौजूदा मुख्यमंत्री और तब के गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ को भी मारने का तगड़ा प्लान किया था। इस पूरे मामले का खुलासा पूर्व आईपीएस बृजलाल ने एक टीवी चैनल पर की हैं। उन्होंने उन दिनों को याद किया हैं जब वे खुद भी एके-47 लेकर सड़क पर उतरे थे।
आईपीएस अधिकारी बृज लाल के हवाले से 7 सितंबर 2008 को आजमगढ़ में योगी आदित्यनाथ के काफिले पर हुए हमले की पूरी कहानी बताई है। इस ऑपरेशन में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। छह लोग घायल हो गए थे। 1977 बैच के अधिकारी ने कहा कि उन्हें एके-47 राइफल के साथ हेलिकॉप्टर से एयरड्रॉप करना पड़ा।
इससे पहले 2005 में मऊ में सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे। बृज लाल ने कहा, (Mukhtar Ansari had attacked Yogi Adityanath) “इस दौरान पांच बार के विधायक और माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को खुली जीप से एके-47 लहराते देखा गया। योगी आदित्यनाथ उस समय गोरखपुर के सांसद थे। वह स्वयं मऊ के लिए रवाना हुए। लेकिन उन्हें जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। दोहरीघाट पर उन्हें रोककर वापस गोरखपुर भेज दिया गया। तब समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री थे।”
2008 में योगी आदित्यनाथ ने मुख्तार अंसारी को चुनौती देते हुए कहा था कि वह मऊ दंगे के पीड़ितों को न्याय दिलाएंगे। बृज लाल ने बताया, ”योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी के नेतृत्व में आज़मगढ़ में आतंकवाद के खिलाफ एक रैली की घोषणा की थी। 7 सितंबर 2008 को डीएवी कॉलेज मैदान को रैली के लिए स्थान के रूप में चुना गया था।”
योगी आदित्यनाथ एक लाल एसयूवी में यात्रा कर रहे थे। उनके साथ करीब 40 वाहनों का काफिला चल रहा था। काफिले के आजमगढ़ पहुंचने से ठीक पहले उस पर पथराव हुआ। पेट्रोल बम फेंके गए और गोलीबारी हुई। बृज लाल ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के गनर ने भी गोलियां चलाईं। उन्होंने कहा, “यह महज संयोग की बात थी कि उन्होंने आखिरी समय में गाड़ी बदल ली और अपनी लाल एसयूवी छोड़ दी, जिससे उनकी जान बच गई। यह एक सुनियोजित हमला था।”
पूर्व आईपीएस ने आगे बताया, ”जैसे ही उन्हें हमले के बारे में पता चला वह एक हेलिकॉप्टर लेकर आजमगढ़ के लिए रवाना हो गए और सिविल लाइंस में उतरे। (Mukhtar Ansari had attacked Yogi Adityanath) चूंकि अन्य सभी अधिकारी पहले से ही काम में लगे हुए थे, इसलिए मैंने एक एके-47 लिया और तत्कालीन संभागीय आयुक्त को प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए कहा। मुझे एके-47 के साथ आजमगढ़ की गलियों में घूमना याद है। हमने लगातार छापेमारी की और हिंसा में शामिल कई लोगों पर मामला दर्ज किया।”
2017 में मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने राज्य के कुछ हिस्सों में माफिया संस्कृति से तेजी से निपटाया। साथ ही गिरोहों और उनकी गतिविधियों पर नकेल कसी। उन्होंने कहा, “आज माफिया डॉन और पेशेवर अपराधी अपनी जान की भीख मांग रहे हैं। यूपी में किसी भी माफिया डॉन या अपराधियों के लिए कोई जगह नहीं है।”