लड्डू प्रकरण ‘बहुत गम्भीर’, मथुरा के खोये में मिलावट की भी हो जांच : सपा सांसद डिंपल

लड्डू प्रकरण 'बहुत गम्भीर', मथुरा के खोये में मिलावट की भी हो जांच : सपा सांसद डिंपल

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  • Publish Date - September 23, 2024 / 08:35 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 08:35 PM IST

मैनपुरी, 23 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में भक्तों को वितरित किये जाने वाले लड्डू में कथित रूप से जानवरों की चर्बी की मिलावट को ‘बहुत गंभीर’ मामला बताते हुए कहा कि मथुरा में बिक रहे ‘खोया’ में भी मिलावट की खबरें हैं, इसकी भी जांच की जानी चाहिये।

डिंपल ने रविवार को ‘जन जागरण संविधान बचाओ साइकिल यात्रा’ के दौरान यहां संवाददाताओं से बातचीत में तिरुपति लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी की मिलावट के बारे में पूछे गये एक सवाल पर कहा कि यह ‘बहुत गंभीर’ मामला है और इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए। ऐसी खबरें भी हैं कि मथुरा में खोया भी मिलावटी बेचा जा रहा है। भाजपा सरकार को दोनों मामलों में जांच करानी चाहिए।’’

उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) ने परीक्षण के लिए मथुरा के प्रमुख मंदिरों से प्रसाद के 13 नमूने एकत्र किए हैं।

सपा सांसद डिंपल यादव ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘खाद्य विभाग की विफलता के कारण मिलावटी पदार्थ और तेल बहुत गंभीर बीमारियों का कारण बन रहे हैं। खाद्य विभाग इस पर लापरवाह और चुप है।’’

उन्होंने केन्द्र सरकार के ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ के विचार को ‘तमाशा’ बताते हुए कहा कि हरियाणा में चुनाव हो रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा अभी तक नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि ये सभी चुनाव एक साथ हो सकते थे।

डिंपल यादव ने कहा, ”भाजपा ने कभी भी जो कहा, उसे लागू नहीं किया, बल्कि जो उन्हें ठीक लगा, उसे आगे बढ़ाया। यह सरकार सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है।’’

बढ़ती बेरोजगारी को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ रुपये के निवेश के झूठे दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए सबसे जरूरी है बुनियादी ढांचा, ताकि छोटे, मध्यम और बड़े उद्योग स्थापित किए जा सकें, लेकिन कुछ भी नहीं किया गया।

भाषा सं सलीम रवि कांत अमित

अमित