प्रयागराज, 11 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की विभिन्न अदालतों में निरंतर हड़ताल से लोगों को हो रही मुश्किलों पर चिंता व्यक्त करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि भले ही वकील हड़ताल पर रहें, लेकिन न्यायिक अधिकारी अपना कामकाज जरूर करें।
न्यायमूर्ति अजित कुमार ने आशुतोष कुमार पाठक नाम के व्यक्ति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि वादी अपने मामले में सुनवाई चाहते हैं तो जिला न्यायाधीश के परामर्श से जिला प्रशासन को उन्हें पुलिस सुरक्षा अवश्य उपलब्ध करानी चाहिए।
अदालत ने कहा, “वकीलों के हड़ताल पर रहने की वजह से किसी को भी असहाय नहीं रखा जा सकता। कोई भी वकील न्यायिक अधिकारी को काम करने से नहीं रोक सकता और ना ही वह किसी वादी को अदालत में जाने से रोक सकता।”
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि जिला गाजियाबाद में वकील हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से उसके मुवक्किल को परेशानी हो रही है।
इस पर अदालत ने कहा, “वैधानिक विकल्प उपलब्ध होने के बावजूद वादकारियों को अदालतों से न्याय नहीं मिल रहा और वे केवल इसलिए उच्च न्यायालय का रुख करने को बाध्य हैं क्योंकि संबंधित जिले में वकीलों की हड़ताल है।”
अदालत ने यह भी कहा, “अधिवक्ता एक नेक पेशे से जुड़े होते हैं और उनसे इस बात की अपेक्षा की जाती है कि वे कभी किसी वादी को न्याय के लिए जनपद न्यायालय में जाने से नहीं रोकेंगे।”
इस रिट याचिका को निस्तारित करते हुए अदालत ने छह दिसंबर के अपने आदेश में कहा कि यदि याचिकाकर्ता दो सप्ताह में दायर करना चाहे तो अधिकरण के न्यायिक अधिकारी/पीठासीन अधिकारी आदेश पारित करेंगे, भले ही वकीलों की हड़ताल जारी रहे।
भाषा राजेंद्र जोहेब
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