आईएफएस अधिकारी और उनके पति पर लखनऊ की डॉक्टर के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, जांच जारी |

आईएफएस अधिकारी और उनके पति पर लखनऊ की डॉक्टर के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, जांच जारी

आईएफएस अधिकारी और उनके पति पर लखनऊ की डॉक्टर के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, जांच जारी

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 06:59 PM IST, Published Date : September 27, 2024/6:59 pm IST

लखनऊ, 27 सितंबर (भाषा) लखनऊ पुलिस आयुक्तालय के गोमतीनगर थाने में भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की अधिकारी और उनके पति के खिलाफ कथित धोखाधड़ी एवं आपराधिक विश्वासघात के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

पुलिस के अनुसार गोमतीनगर निवासी एक डॉक्टर ने आरोप लगाया है कि निवेश के बहाने दंपती ने उससे 64 लाख रुपये से अधिक की ठगी की है।

गोमती नगर थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) राजेश कुमार त्रिपाठी ने ‘पीटीआई—भाषा’ को शुक्रवार को बताया कि यह प्राथमिकी अदालत के आदेश पर दर्ज की गई है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के अनुसार गोमती नगर निवासी डॉ. मृदुला अग्रवाल ने अपनी शिकायत में आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह, उनके पति अजीत गुप्ता और लखनऊ में उनकी सहयोगी कंपनियों के खिलाफ 64,63,250 रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि आईएफएस अधिकारी वर्तमान में इंडोनेशिया में तैनात हैं। पीटीआई—भाषा का प्रतिक्रिया के लिए उनसे संपर्क नहीं हो सका है।

प्राथमिकी के अनुसार दो फरवरी, 2020 से 29 फरवरी, 2020 के बीच हुए अपराध के लिए भारतीय दंड संहित आईपीसी की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है।

दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, जिनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें अजीत गुप्ता, उनकी पत्नी निहारिका सिंह, अनी बुलियन ट्रेडर्स, आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड शामिल हैं।

गोमती नगर निवासी 54 वर्षीय अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि वह 2016 में अजीत गुप्ता एवं उनकी पत्नी निहारिका सिंह से तब परिचित हुईं, जब वे अपनी बेटी अनी को उनके क्लिनिक में इलाज के लिए लेकर आए थे।

अग्रवाल ने दावा किया कि उन्होंने उन्हें अपनी कंपनी ‘अनी बुलियन ट्रेडर्स’ में निवेश करने के लिए राजी किया और अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में बेहतर रिर्टन का आश्वासन दिया।

उनके दावों पर विश्वास करते हुए, अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने अगस्त 2016 में कई चेक के माध्यम से एनी बुलियन ट्रेडर्स में कुल 51 लाख रुपये का निवेश किया।

उन्होंने कहा कि स्टाम्प पेपर पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, और निवेश के प्रमाण के रूप में उन्हें पोस्ट-डेटेड चेक जारी किए गए थे। अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा, ‘निवेश शुरू में लाभदायक था, और मुझे अगस्त 2018 तक बिना किसी रुकावट के अपना रिटर्न मिला। हालांकि, फरवरी 2019 के बाद, मुझे सूचित किया गया कि मेरे निवेश को दूसरी कंपनी, आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी में स्थानांतरित कर दिया गया था।’

डॉक्टर ने बताया कि फरवरी 2020 के बाद सभी भुगतान बंद हो गए। जब उन्होंने कंपनी से संपर्क किया तो कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि अजीत गुप्ता और अन्य पुलिस हिरासत में हैं।

अग्रवाल ने कहा, ‘कर्मचारियों ने मुझे आश्वासन दिया कि एक बार जब वे रिहा हो जाएंगे, तो मेरी पूरी बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा। हालांकि, मुझे अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं मिला है।’

अग्रवाल का दावा है कि कथित धोखाधड़ी के कारण अब वह काफी मानसिक संकट और वित्तीय नुकसान का सामना कर रही हैं।

एसएचओ ने कहा कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है।

भाषा किशोर आनन्द रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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