‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’, बटेंगे तो कटेंगे’ सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता व संकल्प का प्रतीक: मौर्य

‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे', बटेंगे तो कटेंगे’ सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता व संकल्प का प्रतीक: मौर्य

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  • Publish Date - November 17, 2024 / 04:27 PM IST,
    Updated On - November 17, 2024 / 04:27 PM IST

लखनऊ, 17 नवंबर (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने राज्‍य में नौ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनावों के बीच मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नारे ”बंटेंगे तो कटेंगे” का समर्थन करते हुए रविवार को कहा कि ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, बटेंगे तो कटेंगे’ सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक है।

मौर्य ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में किसी भी मतभेद से इनकार करते हुए यह भी साफ किया कि पार्टी का नारा ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ ही है।

उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) के पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक (पीडीए) की “गालियों” का जवाब उसी तरह देना है, जैसे “भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल को दिया था।”

मौर्य ने “एक्‍स” पर एक पोस्ट में कहा, ”प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का स्पष्ट संदेश और उनके भाषणों से उभरे नारे- ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे, बटेंगे तो कटेंगे’-हम सभी कार्यकर्ताओं की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक हैं।”

इसी पोस्ट में उन्होंने सफाई दी, ”भाजपा में न मतभेद था, न है, न होगा। यह नारा मुझ जैसे करोड़ों कार्यकर्ताओं के दिल की आवाज़ है।”

हालांकि उन्‍होंने यह भी कहा कि भाजपा का नारा ”एक रहेंगे तो सेफ़ रहेंगे” ही है।

पोस्ट में मौर्य ने पूछा कि सपा, बसपा (बहुजन समाज पार्टी) और कांग्रेस को इस एकजुटता से पेट में दर्द क्यों हो रहा है? अगर दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा है, तो इलाज कराएं और दवा ले लें।

इससे पहले शनिवार को प्रयागराज में आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे को लेकर किए गए सवाल पर उपमुख्यमंत्री मौर्य ने नाराज स्वर में कहा था, “मुख्यमंत्री कोई संबोधन करते हैं तो उस पर मुझसे टिप्पणी क्यों लेना चाहते हो?.. क्या आप मीडिया के मित्र आपस में हमें लड़ाना चाहते हो?”

आदित्यनाथ ने सहसो के कसेरुआ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था, “अयोध्या में 500 वर्षों का इंतजार हमें इसलिए करना पड़ा था क्योंकि हम बंटे थे। काशी और मथुरा में हमें अपमान इसलिए झेलना पड़ा क्योंकि हम बंटे थे। जब बंटे थे तो कटे थे। भारत में आज सबसे बड़ी चुनौती जाति के नाम पर बांटने वाले लोग हैं।”

उप मुख्यमंत्री ने रविवार को ”एक्‍स” पर एक अन्‍य पोस्ट में कहा, ”सपा और उनके मुखिया श्री अखिलेश यादव एंड कंपनी द्वारा फैलाए गए फर्जी “पीडीए” (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की गालियों का जवाब हमें उसी तरह देना है, जैसे भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल को दिया था।”

मौर्य ने कहा कि 2024 (उपचुनाव) में ‘कमल’ खिलाकर ‘साइकिल’ को ऐसा पंचर करना है कि सपा के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाए।

उन्होंने कहा कि सपा को 2014 (लोकसभा), 2017 (उप्र विधानसभा), 2019 (लोकसभा) और 2022 (प्रदेश विधानसभा) चुनावों में मिली करारी हार के घाव जो अब भी ताजे हैं तथा उन्हें और गहरा करते हुए इस बार समाजवादी पार्टी को “समाप्तवादी पार्टी” बनाने का काम करना है।

उप्र में जिन नौ विधानसभा सीट पर चुनाव होने हैं, उनमें कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल हैं।

भाषा सं आनन्‍द नोमान

नोमान