वायुसेना में तैनात मलखान सिंह का अवशेष मौत के 56 साल बाद पहुंचेगा पैतृक गांव

वायुसेना में तैनात मलखान सिंह का अवशेष मौत के 56 साल बाद पहुंचेगा पैतृक गांव

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  • Publish Date - October 1, 2024 / 09:50 PM IST,
    Updated On - October 1, 2024 / 09:50 PM IST

सहारनपुर (उप्र), एक अक्टूबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के रोहतांग की बर्फीली पहाड़ियों में 1968 में विमान दुर्घटना में लापता हुए वायुसेना में तैनात मलखान सिंह का अवशेष मौत के बाद 56 साल बाद नानौता क्षेत्र में स्थित उनके पैतृक गांव फतेहपुर पहुंचेगा। एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) सागर जैन ने बताया कि सिंह का अवशेष लद्दाख से यहां पहुंचेगा। इसके तीन अक्टूबर तक यहां पहुंचने की उम्मीद है। सिंह शादीशुदा थे और उनका एक बेटा राम प्रसाद था, जिसकी मौत हो चुकी है।

जैन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सहारनपुर जिले के थाना नानौता के अन्तर्गत ग्राम फतेहपुर निवासी लखान सिंह सात फरवरी 1968 को वायुसेना के एक विमान में सवार थे जो हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रा के पास खराब मौसम के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उन्होंने बताया कि इस हादसे में विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी।

जैन ने बताया कि उनके पोते गौतम और मनीष मजदूर हैं। उन्होंने बताया कि सेना ने उनके परिवार के सदस्यों को अवशेष बरामद होने की सूचना दे दी है। अधिकारी ने बताया कि गांव पहुंचने के बाद परिवार द्वारा उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा और इसके लिए तैयारियां चल रही हैं।

हिमाचल प्रदेश में रोहतांग दर्रे पर भारतीय वायुसेना के दुर्भाग्यपूर्ण एएन-12 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल से अधिक समय बाद, चार और पीड़ितों के अवशेष बरामद किए गए।यह भारत में सबसे लंबे समय से चले खोज अभियानों में से एक है।

भाषा सं आनन्द धीरज

धीरज