जालौन, एक दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में पुलिस एवं कृषि विभाग के अधिकारियों ने एक साझा अभियान के तहत नकली डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) बोरियों में भरकर किसानों को बेचने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया और भारी मात्रा में नकली डीएपी बरामद किया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
जालौन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव के नेतृत्व में कृषि विभाग के अधिकारियों और स्थानीय पुलिस के एक संयुक्त कार्य बल ने जिले में नकली डीएपी के प्रचलन को रोकने के लिए कार्रवाई की।
अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई नदी गांव स्थित निखिल खाद भंडार से बड़े पैमाने पर नकली डीएपी निर्माण इकाई के संचालन के बारे में मिली सूचना के आधार पर की गई।
नदी गांव कोतवाली और विशेष अभियान समूह (एसओजी) के अधिकारियों वाली टीम ने शनिवार को छापेमारी की, जो रविवार तक जारी रही।
उन्होंने बताया कि छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने गोदाम से 224 बैग नकली डीएपी, एक ट्रक में मिले 616 बैग और एक पिकअप से जब्त 57 बैग समेत भारी मात्रा में नकली डीएपी बरामद की।
अधिकारी ने बताया कि इनके अलावा अधिकारियों को खाली डीएपी बैग, सिलाई मशीन और अन्य संबंधित उपकरण मिले।
जब्त किए गए सामान की कुल कीमत करीब 14 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आदित्य राठौर (नदी गांव कोतवाली), गोविंद तिवारी (कोच कोतवाली), धर्मेंद्र गुप्ता (मंडी गेट), अनुराग याग्निक (उरई) और विकास चतुर्वेदी (नया पटेल नगर) के रूप में हुई है, जिन्हें नकली डीएपी बनाने और बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी इफको डीएपी के नाम से नकली खाद की पैकेजिंग कर रहे थे और इसे न केवल जालौन बल्कि पड़ोसी जिलों और यहां तक कि मध्यप्रदेश में भी वितरित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।
भाषा सं आनन्द जितेंद्र
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