प्रदर्शन के दौरान मृत कांग्रेस कार्यकर्ता के चाचा ने कहा – ‘उनकी जान बचाई जा सकती थी’

प्रदर्शन के दौरान मृत कांग्रेस कार्यकर्ता के चाचा ने कहा - 'उनकी जान बचाई जा सकती थी'

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  • Publish Date - December 20, 2024 / 03:07 PM IST,
    Updated On - December 20, 2024 / 03:07 PM IST

गोरखपुर/लखनऊ (उप्र), 20 दिसंबर (भाषा) लखनऊ में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 28 वर्षीय पार्टी कार्यकर्ता के चाचा ने कहा कि ‘‘बेहोश’’हो जाने के बाद उनके भतीजे को चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए था, और पार्टी कार्यालय के लोगों ने ध्यान दिया होता तो उनके भतीजे की जान बच सकती थी।

मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले प्रभात पांडेय की बुधवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश विधानसभा के पास कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई थी।

प्रभात के चाचा मनीष पांडेय ने बृहस्पतिवार को गोरखपुर में पत्रकारों को बताया, ‘‘बुधवार को उन्हें कांग्रेस कार्यालय से फोन आया कि उनका भतीजा बेहोश पड़ा है और हिल-डुल नहीं रहा है। फोन करने वाले ने उन्हें कार्यालय आने को कहा।’’

मनीष ने बताया कि इसके बाद उन्होंने एक परिचित को कांग्रेस कार्यालय में भेजा ।

मनीष ने गोरखपुर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस कार्यकर्ता उसे अस्पताल ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अगर वहां मौजूद लोगों ने थोड़ा ध्यान दिया होता, तो उसकी जान बच सकती थी। पोस्टमार्टम जांच रिपोर्ट के अनुसार, उसके (प्रभात पांडे) दोनों फेफड़े बंद हो गए थे। इस कारण वह सांस नहीं ले पा रहा था और दम घुटने से उसकी मौत हो गई।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए उन्हें फोन किया था। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, संवेदनाएं पर्याप्त नहीं होंगी। मेरा बच्चा (भतीजा) चला गया।’’

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया कि प्रभात की मौत ‘‘पुलिस की बर्बरता’’ के कारण हुई।

पुलिस का दावा था कि प्रभात को कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया था।

पुलिस उपायुक्त डीसीपी (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने कहा था, ‘प्रभात को कांग्रेस कार्यालय से बेहोशी की हालत में हजरतगंज के सिविल अस्पताल लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’

भाषा जफर मनीषा रंजन

रंजन