लखनऊ, 14 अगस्त (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने साल 2001 में किए गए एक प्रदर्शन के मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई 22 अगस्त तक टाल दी।
पुनरीक्षण याचिका में सिंह ने 2001 में किए गए प्रदर्शन के मामले में जमानत का अनुरोध किया है। इस मामले में उन्हें 11 जनवरी 2023 को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था और छह अगस्त 2024 को सत्र न्यायालय ने उनकी अपील भी खारिज कर दी थी।
उच्च न्यायालय में दोषसिद्धि और सजा के आदेश को चुनौती देते हुए सिंह ने सजा के निलंबन का भी अनुरोध किया है।
राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि चूंकि सत्र न्यायालय ने सिंह को नौ अगस्त को निचली अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था लेकिन उन्होंने आत्मसमर्पण नहीं किया, इसलिए उनकी पुनरीक्षण याचिका विचार योग्य नहीं है।
संजय सिंह की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एससी मिश्रा ने दलील दी कि उच्च न्यायालय को सिंह को निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने से छूट देकर पुनरीक्षण सुनवाई का अधिकार है।
मामले की सुनवाई के बाद पीठ ने कहा कि सिंह की ओर से आत्मसमर्पण से छूट के लिए कोई अर्जी नहीं दाखिल की गई है। इसके साथ ही, पीठ ने मामले में अगली तारीख 22 अगस्त तय की।
यह मामला 19 जून 2001 की एक घटना से संबंधित है। डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता अनूप संडा, और सिंह ने अपने समर्थकों के साथ बिजली संबंधी मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान यहां एक फ्लाईओवर के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया था।
भाषा सं सलीम आशीष
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