मथुरा : Hanuman Chalisa in mosque : अखिल भारत हिन्दू महासभा द्वारा छह दिसंबर को श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ करने की घोषणा के बाद मथुरा जिला प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। अखिल भारत हिंदू महासभा के एक नेता ने सोमवार को जिला प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर छह दिसंबर को उन्हें श्रीकृष्ण जन्मभूमि परिसर स्थित शाही ईदगाह में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करने दिया गया तो वह आत्मदाह कर लेंगे। वहीं, प्रशासन ने दावा किया है कि किसी भी व्यक्ति या संगठन को शांति व्यवस्था और सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने की छूट नहीं दी जाएगी।
पुलिस अधीक्षक (नगर) मार्तण्ड प्रकाश सिंह ने बताया कि हिन्दू महासभा एवं उसका समर्थन कर रहे संगठनों के ईदगाह में हनुमान चालीसा पाठ करने की घोषणा के मद्देनजर श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सोमवार को पुलिस बल ने इस इलाके में पैदल मार्च भी किया। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा, ‘‘कल (मंगलवार) तय कार्यक्रमानुसार दोपहर में अभिजीत मुहूर्त में ईदगाह में यदि मुझे भगवान की जन्मस्थली पर हनुमान चालीसा पाठ नहीं करने दिया तो मैं आत्मदाह कर लूंगा।’’
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प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हम भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना उनके जन्मस्थान पर नहीं करेंगे, तो फिर कहां करेंगे। यह जिला प्रशासन हमें बताएं।’’ शर्मा ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया कि छह दिसम्बर को लेकर महासभा द्वारा किए गए एलान के बाद देश-विदेश से सनातनी धर्मावलंबी मथुरा पहुंच रहे हैं, जिन्हें हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशनों पर रोका जा रहा है और जो किसी तरह यहां पहुंच गए, उन्हें जन्मभूमि के आसपास के होटलों में रुकने नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह प्रशासन की दमनकारी नीति है, हमारे कई कार्यकर्ताओं को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है लेकिन फिर भी कल मथुरा में बड़ी संख्या में मौजूद सैकड़ों कार्यकर्ता और पदाधिकारी पहुंच जाएंगे। दूसरी ओर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) शैलेश पाण्डेय ने कहा कि किसी भी व्यक्ति अथवा संगठन विशेष को जिले के साम्प्रदायिक सौहार्द एवं शांति व्यवस्था को भंग नहीं करने दिया जाएगा। पाण्डेय ने कहा कि जिले में पहले से ही निषेधाज्ञा लागू की जा चुकी है, जिसके कारण किसी प्रकार की ऐसी नयी गतिविधि की इजाजत नहीं दी जा सकती, जिसके संबंध में शासन ने पूर्व में अनुमति न दी हो।