बांका: Govt Fired Anganwadi Workers जिले की 4000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नौकरी से निकाले जाने के बाद हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि 2273 कार्यकर्ता और 2051 सहायिकाओं को नौकरी से निकाल दिया गया है। विभाग की ओर से इन्हें नौकरी से निकालने से पहले नोटिस दिया गया था, लेकिन ये सभी काम पर नहीं लौटे जिसके बाद प्रशासन ने ये फैसला लिया है।
Govt Fired Anganwadi Workers मिली जानकारी के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया था। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं का समूह लंबे समय से हड़ताल पर बैठा हुआ था, जिसके बाद प्रशासन की ओर से उन्हें हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का नोटिस दिया गया था, लेकिन वो काम पर नहीं लौटे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के नदारद होने से अक्टूबर महीने से ही पोषाहार का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
बताया जाता है कि यहां केंद्र पर 10640 बच्चे नामांकित है जो केंद्र बंद रहने से शिक्षा के साथ साथ भोजन से बंचित है। जबकि गर्भवती और धात्री महिलाओं की संख्या 4144 है जो टीएचआर से बंचित है। इन्हें प्रत्येक महीने टेक होम राशन के तहत सवा दो किलो चावल,एक किलो दाल,12.5 ग्राम मसाला,375 ग्राम सोयाबीन और तेल,63 ग्राम नमक आठ आठ गर्भवती और आठ धात्री महिलाओं को दिया जाता था।
इस दौरान प्रखंड कार्यालय से लेकर जिला मुख्यालय तक चरणबद्ध आंदोलन के दौरान सरकार ने सेविकाओं को अपने काम पर लौटने की हिदायत दी लेकिन सेविकाओं द्वारा मांग पूरी होने के बाद ही हड़ताल समाप्त करने की जिद पर रहने से समाज कल्याण विभाग के निर्देश पर सीडीपीओ ने सभी सेविकाओं को नोटिश जारी करते हुए काम पर लौटने का निर्देश दिया।
लेकिन सेविकाओं द्वारा नोटिश की अवहेलना करने पर डीपीओ ने सभी सेविकाओं के चयन मुक्त की अनुशंसा विभाग को कर दी है।जिससे आंगनबाड़ी केंद्र ढाई महीने से बंद पड़ा हुआ है। जबकि सेवा मुक्ति के वाबजूद भी 72 सेविकाओं को बीएलओ कार्य में लगाते हुए उनसे निर्वाचन का कार्य कराया जा रहा है।