Ghazipur Loot Case: खाकी की आड़ में गुंडई...! टोलकर्मियों ने पहले वकील के परिवार के सथ की मारपीट, फिर पुलिस की मदद से किया डाकुओं वाला काम | Toll Employee Looted Advocate's Family with Help of Police

Ghazipur Loot Case: खाकी की आड़ में गुंडई…! टोलकर्मियों ने पहले वकील के परिवार के सथ की मारपीट, फिर पुलिस की मदद से किया डाकुओं वाला काम

Ghazipur Loot Case: खाकी की आड़ में गुंडई...! टोलकर्मियों ने पहले वकील के परिवार के सथ की मारपीट, फिर पुलिस की मदद से किया डाकुओं वाला काम

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Modified Date: March 22, 2024 / 01:22 PM IST
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Published Date: March 22, 2024 1:22 pm IST

गाजीपुर: Ghazipur Loot Case उत्तर प्रदेश में कहने को तो सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार में अपराध कम हुए हैं, लेकिन सरकार ये नहीं बताती कि अब गुंडे नहीं खाकीधारी ही गुंडों की भूमिका निभा रही है। जी हां ऐसा ही एक मामला प्रदेश के गाजीपुर से सामने आया है, जहां पुलिस की मौजूदगी में टोलकर्मियों ने न सिर्फ वकील जनार्दन चौबे के परिवार से मारपीट की, बल्कि उनके साथ लूटपाट भी की। मामला सामने आने के बाद एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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Ghazipur Loot Case जनार्दन चौबे की आरे से दी गई जानकारी के अनुसार वह संत कबीर नगर के रहने वाले हैं। 26 फरवरी 2024 को वह अपने भाई की पत्नी का बनारस में दाह संस्कार करके अपने रिश्तेदारों के साथ दो बसों से वापस लौट रहे थे। बस रात करीब 11:30-11:50 के बीच गाजीपुर जनपद के मिर्जापुर क्यामपुर (डाडी खुर्द) टोल प्लाजा पर पहुंची। टोल कर्मियों ने प्रवेश और निकास का डबल टोल चार्ज मांगा। इसपर बस ड्राइवर ने कहा कि शव वाहन का टोल नहीं लगता है। ऐसे में टोलकर्मी ने गाली-गलौज की और बस रोक ली। पीड़ित के भाई जनार्दन के छोटे बेटे शैलेन्द्र कुमार बस से नीचे उतरे। टोल कर्मी ने टोल बूथ का पाइप उसके पैर पर मारा। आरोप यह भी है कि टोल कर्मियों ने उन लोगों पर पत्थर भी फेंके।

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उन्होंने बताया कि हम लोग किसी तरह बचते-बचाते बस लेकर जाने लगे। तभी करीब 300 मीटर आगे उनकी बस को स्विफ्ट डिजायर कार और ऐंबुलेंस ने ओवरटेक करके रोक लिया। टोलकर्मी बसों पर पथराव करते हुए गाली देते हुए बस का दरवाजा खुलवाने लगे। पीड़ित पक्ष ने बस के अन्दर से ही तत्काल 112 नम्बर पर फोन किया। जैसे ही पुलिस कर्मी आए, टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह और उनके साथियों ने पुलिस के सामने ही गाली देते हुए धमकी दी। मैनेजर ने कहा कहा, बसों को आग लगा दो, चाहे हत्या ही करनी पड़े, लेकिन इन लोगों से पैसा वसूलना है। वहीं 112 नम्बर के पुलिसकर्मियों ने उन लोगों की चोट देखी, बयान भी रिकार्ड भी किया। पुलिसकर्मियों ने कहा कि टोल प्लाजा पर मैनेजर बहुत दबंग है आए दिन ऐसी गुंडागर्दी करते हैं।

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इसी बीच वहां थाना प्रभारी बिरनो,अपनी सरकारी गाड़ी से आए। आते ही टोल मैनेजर हितेश सिंह से कहा कि ‘किनको पकड़ना है, तुम पहचान करके बताओ।’ फिर जबरन पुलिस बल ने उन लोगों को बस से उतारकर ऐंबुलेंस और पुलिस वाहन में बैठा लिया। ऐंबुलेंस में लाठी-डण्डा रखा था। टोल प्लाजा के एनएच ओवरब्रिज से कटकर गाड़ी को सुनसान जगह रोका गया। पुलिस वालों की उपस्थिति में टोल मैनेजर और उसके तीन साथियों ने उन लोगों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान पीड़ित के बड़े बेटे के पास से 45000, दूसरे बेटे से 25,000, तीसरे बेटे से 20,000 और साथ में आए पवन गुप्ता से 10,000 और शिव कुमार से 2000 यानी कुल 1,02,000 रुपए नगद और बड़े बेटे के गले का सोने की चेन जबरदस्ती छीन ली गई।

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उसके बाद सबको 12:30 बजे रात थाना बिरनो लाया गया। यहां हितेश सिंह मौजूद था। थाना प्रभारी ने गाली देते हुए पीड़ित पक्ष से कहा कि उन लोगों ने टोल प्लाजा पर झगड़ा किया है। पुलिस लूट का मुकदमा लिखकर जेल भेजेगी। टोल मैनेजर हितेश सिंह ने कहा कि अगर 5 लाख और नहीं देते हैं तो गाजीपुर से इनकी लाश जाएगी। थाना प्रभारी की धमकी के से डरे लोगों ने किसी शैलेश कुशवाहा का फोन पे नंबर दिया। उनसे कहा गया, इसी पर तत्काल पैसा मंगवाओ। चौबे के बेटे ने उनके दिए गए फोन पे नम्बर पर गांव के राम शबद से 55000, उनके भांजे अंकित मिश्रा के खाते से 46000 और उनके छोटे बेटे शैलेन्द्र कुमार ने 99000 की रकम ऑनलाइन ट्रांसफर कराई। यह पूरी राशि 2 लाख रुपए थी। थाना प्रभारी की मौजूदगी में थाना बिरनो पर टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह ‌ने धमकी देकर रुपए वसूला गया।

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