बांदाः Treatment of Dead Body अक्षय कुमार की फिल्म ‘गब्बर इज बैक’ की कहानी की तरह ही उत्तर प्रदेश में एक मामला सामने आया है। बांदा जिले के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत व्यक्ति के लिए ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन की जांचें लिख दी। परिजनों ने जब हंगामा शुरू किया तो डॉक्टर पर्चा लेकर उसे फाड़ते हुए भाग खड़ा हुआ। वहीं अब मामले में CMO ने जांच का आदेश दिया है। पूरा मामला बांदा जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर का है।
Treatment of Dead Body मिली जानकारी के अनुसार बदौसा क्षेत्र दुबरिया इलाके के रहने वाले 82 वर्षीय भोला पाल की सोमवार सुबह तबीयत बिगडी तो परिजन उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां से उन्होंने प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजन बुजुर्ग को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे ही थे कि उनकी मौत हो गई। इसके बाद डॉक्टर ने चेकअप किया और तुरंत ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन की जांच लिख दी। परिजनों का आरोप है कि जांच लिखने के बाद तुरंत प्राइवेट एम्बुलेंस आ गई और कर्मचारी शव को उठाकर एम्बुलेंस में ले जाने लगे।
इसी बात को लेकर परिजन हंगामा करने लगे, जिसकी सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर मौके पर पहुंच गए। वहीं, बांदा के CMO डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि इस मामले में मौके पर पहुंचा था। परिजनों से बात की है। उनकी शिकायत के आधार पर एक जांच कमेटी बनाई गई है। 3 दिन में जांच रिपोर्ट आएगी, जिसके बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। बता दें कि ऐसे ही कई मामले प्रदेश के अन्य जिलों से सामने आ चुके हैं।