लखनऊ, 18 दिसंबर (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कुकर बम मामले में अल-कायदा के संदिग्ध आतंकवादी मुसीरुद्दीन उर्फ मूसी उर्फ राजू को जमानत देने से बुधवार को इनकार कर दिया।
पीठ ने आदेश पारित करते हुए पाया कि विस्फोटक उपकरण (आईईडी) तैयार करने की सामग्री अपीलकर्ता मुसीरुद्दीन के घर से बरामद की गई थी और उसने मामले के सह-आरोपी मिन्हाज अहमद के साथ मिलकर उसे बाजार से खरीदा था।
न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने मामले में जमानत के अनुरोध वाली मुसीरुद्दीन की अपील को खारिज करते हुए आदेश पारित किया।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘एनआईए ने मुसीरुद्दीन की पासबुक बरामद की थी, जिसमें उसके और सह-आरोपी मिन्हाज के बीच वित्तीय लेनदेन का विवरण था। इसके अलावा, उसने वीडियो और ऑडियो क्लिपिंग भी बरामद की थी, जिनसे अपीलकर्ता के आतंकवादी संगठन के साथ संबंध होने का पता लगा।’
अपीलकर्ता के वकील अजमल खान ने दलील दी कि मुसीरुद्दीन एक निर्दोष ई-रिक्शा चालक है और उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि मुसीरुद्दीन को ये वीडियो उसके वॉट्सऐप पर मिले थे और उसने उन्हें किसी और को नहीं भेजा था।
जमानत याचिका का विरोध करते हुए राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अधिवक्ता शिखा सिन्हा ने दलील दी कि जांच के दौरान आरोपी मुसीरुद्दीन के खिलाफ आरोप पत्र में पर्याप्त सामग्री एकत्र की गई थी और इसलिए वह जमानत का हकदार नहीं है।
अदालत ने मुसीरुद्दीन की अपील को खारिज करते हुए कहा, ‘हमने विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश द्वारा दिए गए फैसले को पढ़ा है और हम पाते हैं कि अपीलकर्ता के वकील द्वारा तथ्यात्मक सामग्री में कोई कमी नहीं बताई जा सकती है।’
एनआईए ने 11 जुलाई 2021 को अपीलकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एजेंसी ने एक गुप्त सूचना के आधार पर मुसीरुद्दीन के घर पर छापा मारा था और 15 अगस्त 2021 को लखनऊ में विस्फोट के लिए कुकर बम तैयार करने की सामग्री मिली थी।
मामला लखनऊ में एनआईए थाने में दर्ज किया गया था। विशेष एनआईए अदालत ने 29 मई 2023 को मुसीरुद्दीन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने जमानत के लिए उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी।
भाषा
सं सलीम पारुल
पारुल