लखनऊ, 18 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश विधानसभा के पास कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल पार्टी के एक कार्यकर्ता की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पार्टी ने ‘पुलिसिया बर्बरता’ के कारण कार्यकर्ता की मौत होने का दावा किया है। वहीं, इस मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने विधान भवन का घेराव करने की कोशिश के दौरान पुलिस की बर्बरता से कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मौत का दावा किया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर के मूल निवासी 28 वर्षीय प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया।
पुलिस उपायुक्त (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने बताया, ‘प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से बेहोशी की हालत में हजरतगंज के सिविल अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।’
त्यागी ने कहा, ‘डॉक्टरों के अनुसार प्रथम दृष्ट्या उनके शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं है। इसके अलावा डॉक्टरों के पैनल द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी। इसके अनुसार आगे की कानूनी कार्यवाही की जाएगी।’
अजय राय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘विधानसभा घेराव के लिए जाते समय पुलिसिया बर्बरता के कारण हमारे युवा साथी प्रभात पांडे जी नहीं रहे।’
उन्होंने कहा, ‘यह घटना बेहद दुःखद और निंदनीय है। इस घटना से हमारा कांग्रेस परिवार आहत और आक्रोशित है। हम इस घटना को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। राज्य सरकार मृतक के परिजनों को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी बतौर मुआवजा दे।’
कांग्रेस के कार्यकर्ता किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण और कानून व्यवस्था जैसे मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धरनास्थल तक पहुंचने से रोकने के लिए विधानसभा परिसर के चारों ओर बैरिकेड लगाए गए थे, जबकि मार्ग परिवर्तन के कारण शहर के बीचों-बीच यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।
पुलिस ने लखनऊ में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 (उपद्रव या आशंका वाले खतरे के तत्काल मामलों में आदेश जारी करने की शक्ति) के तहत प्रतिबंधों का हवाला देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी के मॉल एवेन्यू कार्यालय से आगे नहीं बढ़ने दिया।
पांडे की मौत के मामले में हुसैनगंज थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रभात पांडे के चाचा मनीष कुमार पांडे द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार बुधवार की शाम करीब सवा चार बजे उन्हें कांग्रेस कार्यालय से किसी ने फोन किया जिसने बताया कि प्रभात कार्यालय में बेहोश पाया गया है। फोन करने वाले ने बताया कि प्रभात ‘दो घंटे से अधिक समय से वहां पड़ा हुआ था।’
शिकायत के अनुसार मनीष ने एक परिचित संदीप को कांग्रेस कार्यालय भेजा। वहां पहुंचने पर संदीप ने पाया कि प्रभात मरणासन्न स्थिति में है। संदीप और कांग्रेस कार्यालय के कुछ सदस्यों ने प्रभात को एक कार से पास के सिविल अस्पताल पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उनके भतीजे को कोई जाहिर बीमारी नहीं थी, और यह स्पष्ट नहीं है कि वह कांग्रेस कार्यालय में कैसे पहुंचा। प्रभात की मौत की रहस्यमय परिस्थितियों को देखते हुए मनीष ने आशंका जताई कि उनके भतीजे की हत्या की गई है।
लखनऊ पुलिस ने गोरखपुर के सहजनवा निवासी प्रभात पांडे की मौत के संबंध में एक बयान जारी किया है। बयान के मुताबिक पांडे को कांग्रेस के प्रदेश पार्टी कार्यालय से सिविल अस्पताल लाया गया था, जहां पहुंचने पर मेडिकल टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बयान के अनुसार प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पांडे को आखिरी बार कांग्रेस के प्रदेश पार्टी कार्यालय में देखा गया था। डॉक्टरों ने पुष्टि की कि उनके शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी। पुलिस ने मौत का सही कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम जांच के आदेश दिए हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘डॉक्टरों का एक पैनल पोस्टमार्टम करेगा, जिसे प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए वीडियोग्राफी के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा।’’
लखनऊ पुलिस ने बयान में कहा कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर कोई बल प्रयोग नहीं किया गया। पुलिस ने चेताया है कि कानून-व्यवस्था को बाधित करने वाली झूठी सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भाषा सलीम आशीष
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