राष्ट्रवाद के साथ समझौता, देश के साथ चरम धोखा: उपराष्ट्रपति धनखड़

राष्ट्रवाद के साथ समझौता, देश के साथ चरम धोखा: उपराष्ट्रपति धनखड़

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  • Publish Date - September 7, 2024 / 05:39 PM IST,
    Updated On - September 7, 2024 / 05:39 PM IST

(तस्वीरों के साथ)

गोरखपुर, सात सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को नागरिकों को राष्ट्रवाद पर समझौता करने के खिलाफ सावधान करते हुए इसे ‘‘राष्ट्र के साथ चरम धोखा’’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘जहां भी कोई राष्ट्र पर प्रश्न चिन्ह उठाएगा तो हमें उसे बर्दाश्त नहीं करना है’’ ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की एक अलग और सशक्त पहचान बनी है, जिसमें उत्तर प्रदेश का गुणात्मक योगदान है।

धनखड़ ने 2047 में ‘विकसित भारत’ की संकल्पना को लेकर जारी अभियान में सभी से योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के हवन में हरेक व्यक्ति को आहुति देनी चाहिए, क्योंकि हम देश के लिए जितना भी कर सकें, उतना कम है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि 680 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार के साथ भारत उन दिनों से बहुत आगे निकल आया है, जब उसे वित्तीय संकट से उबरने के लिए अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था।

धनखड़ ने शनिवार को गोरखपुर में उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल के उद्घाटन के दौरान ये टिप्पणियां कीं। 49 एकड़ क्षेत्र में फैले इस सैनिक स्कूल का निर्माण 176 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। उन्होंने अंगवस्त्र और टेराकोटा से निर्मित गणेश प्रतिमा भेंटकर उपराष्ट्रपति का अभिनंदन किया।

इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी ने उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ को टेराकोटा की गणेश प्रतिमा भेंट की।

उन्होंने कहा,”यदि हम राष्ट्रवाद से समझौता करेंगे, वह राष्ट्र के साथ चरम धोखा होगा। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, आवश्यकता है उनको समझाने की, वरना जनता को आध्यात्मिक प्रतिघात उन पर करना पड़ेगा। कैसे कोई कल्पना कर सकता है कि इस महान भारत में, जहां प्रजातंत्र जीवंत है, पड़ोसी देश जैसे हालात हो सकते हैं? नहीं कर सकता, जहां भी कोई राष्ट्र पर प्रश्न चिन्ह उठाता, हमें उसे बर्दाश्त नहीं करना है।’’

धनखड़ ने उत्तर प्रदेश में योगी के नेतृत्व में आए परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि 2017 के बाद राज्य में शिक्षा, चिकित्सा, उद्यमिता और अन्य क्षेत्रों में गुणात्मक वृद्धि हुई है, जबकि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश डर के साये में था, यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं थी और आम आदमी परेशान रहता था।

उन्होंने कहा, ‘‘आज का भारत 10 साल पहले की तुलना में पूरी तरह से अलग तस्वीर पेश करता है। एक समय था, जब ‘सोने की चिड़िया’ कहलाने वाले भारत को विदेशी बैंकों में सोना गिरवी रखना पड़ा था। उस समय हमारा विदेशी मुद्रा भंडार एक अरब से दो अरब अमेरिकी डॉलर के बीच था। आज यह करीब 680 अरब अमेरिकी डॉलर है। देखिए, हमने तब से कितनी प्रगति की है।”

उपराष्ट्रपति ने इस बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

धनखड़ ने कहा, “1990 में जब मैं मंत्री की हैसियत से कश्मीर गया था, तब श्रीनगर की वीरान सड़कों ने मेरा स्वागत किया था। अब पिछले दो-तीन वर्षों में कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है और दो करोड़ से ज्यादा पर्यटक कश्मीर की यात्रा कर चुके हैं।”

उन्होंने कहा, “संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद-370 को अस्थायी बताया था, लेकिन कुछ लोगों ने गलती से इसे स्थायी मान लिया। आज के समय में ही अनुच्छेद-370 को हटाया गया। यह आज का भारत है।”

उन्होंने कहा, “मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे हवन में अपनी आहुति (योगदान) दें। समय आ गया है कि हमें देश के लिए जो करना चाहिए, हम वह करें। हम जितना भी करेंगे, वह कम होगा।”

गोरखपुर में नए सैनिक स्कूल की स्थापना पर सराहना व्यक्त करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह स्कूल भावी पीढ़ियों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह अन्य राज्यों तथा पूरे देश के लिए एक मानक स्थापित करेगा।’’

मौके पर मौजूद कैडेट को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने उन्हें अपने मन से डर को मिटाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता चंद्रयान-2 से मिले सबक पर आधारित थी,‘‘असफलता सफलता के शुरुआती केंद्र है।’’

गोरखपुर में ‘युवाओं को शिक्षा, देश की रक्षा’ ध्येय से स्थापित सैनिक स्कूल में कक्षा 6 से 12 तक के छात्र-छात्राओं को आवासीय सुविधा के तहत शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। प्रवेश परीक्षा के जरिये कक्षा छठी और नौवीं कक्षा में दाखिला होने के बाद इस स्कूल में पहली जुलाई से पढ़ाई शुरू की जा चुकी है।

पहले चरण में इस स्कूल में कक्षा छठी और नौवीं कक्षा में 84-84 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया है। इनमें 40 छात्राएं और 128 छात्र शामिल हैं। सैनिक स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग परिसर है।

सैनिक स्कूल का उद्घाटन करने के बाद उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री के साथ कक्षाओं, खेल के मैदान, तरणताल, आवासीय परिसर आदि का अवलोकन किया। उन्होंने स्कूल परिसर में नवनिर्मित एकलव्य शूटिंग रेंज में निशानेबाजी का अभ्यास भी किया।

धनखड़ ने गोरखपुर में विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस की भी सराहना की। उन्होंने पौधारोपण कर पृथ्वी को हरा-भरा और स्वच्छ रखने का संदेश भी दिया।

भाषा

जफर धीरज

धीरज