लखनऊ, 11 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने बांग्लादेश के हालात पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी को ‘स्तरहीन’ बताते हुए रविवार को आरोप लगाया कि वह “धर्म को अपनी राजनीति का आधार बनाकर सिर्फ वैमनस्यता फैलाते हैं।”
कांग्रेस राज्य मुख्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक, राय ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार से सवाल करने के बजाय आदित्यनाथ बांग्लादेश के नाम पर वोट पाने के लिए उत्तर प्रदेश में “धार्मिक विद्वेष” फैला रहे हैं
राय ने दावा किया, “भाजपा सरकार निहायत झूठी है, सीमा पर आने वाले हिन्दू शरणार्थियों को घुसने नहीं दिया जा रहा और यहां योगी जी सीना पीट-पीट कर चिल्ला रहे हैं कि हम हिन्दुओं की रक्षा करेंगे।”
बयान के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, “ धर्म को अपनी सियासत का आधार बना कर सिर्फ वैमनस्यता फैलाने का काम योगी जी करते हैं। बांग्लादेश के मुद्दे पर जिस तरह की स्तरहीन बयानबाजी वह कर रहे हैं, वो निहायत निंदनीय है।”
नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के खिलाफ बांग्लादेश में व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भागना पड़ा। हिंसाग्रस्त देश में विरोध प्रदर्शनों के कारण सैकड़ों लोग मारे गए हैं।
राय ने आदित्यनाथ को सलाह दी कि ऐसे संवेदनशील मामले पर अगंभीर और गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी से बचना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शनिवार को अयोध्या धाम में एक जनसभा में बांग्लादेश के मौजूदा हालात को लेकर कहा था कि वहां प्रताड़ित होने वाले 90 प्रतिशत हिन्दू दलित समाज का हिस्सा हैं, मगर वहां के हिन्दू यहां के वोट बैंक नहीं हैं तो सभी के मुंह सिले हुए हैं। आदित्यनाथ ने कहा, ”बांग्लादेश के हिन्दुओं की रक्षा करना हमारा दायित्व है।”
राय ने कहा कि सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में संपूर्ण विपक्ष ने एक स्वर में सरकार को इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताते हुए सरकार से पूछा था कि भारत सरकार इसे रोकने के लिए क्या कर रही है?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “पड़ोस में हुए इतने दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में खुद प्रधानमंत्री जी शामिल नहीं हुए। इससे इस गंभीर मसले पर और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री की संवेदनहीनता का पता चलता है।”
भाषा आनन्द नोमान
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