इंडिया गठबंधन के लिये लिटमस परीक्षण होंगे उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव

इंडिया गठबंधन के लिये लिटमस परीक्षण होंगे उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव

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  • Publish Date - October 6, 2024 / 02:44 PM IST,
    Updated On - October 6, 2024 / 02:44 PM IST

अभिनव पांडेय

लखनऊ, छह अक्टूबर (भाषा) लोकसभा चुनावों में जोरदार कामयाबी के बाद उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) की एकजुटता के लिहाज से लिटमस परीक्षण होंगे।

कांग्रेस ने उपचुनाव से गुजरने जा रही 10 सीटों में से पांच पर दावा किया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच उपचुनावों के लिए सीटों के बंटवारे पर सहमति बनती है या नहीं।

वैसे तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि वे भाजपा को हराने के लिए साथ मिलकर उपचुनाव लड़ेंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल सपा ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह कांग्रेस को पांच सीटें देगी या नहीं।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने रविवार को ‘पीटीआई—भाषा’ से बातचीत में कहा, ”पार्टी सभी 10 विधानसभा सीटों पर संविधान बचाओ सम्मेलन आयोजित करने जा रही है, जहां उपचुनाव होने हैं। ऐसे दो सम्मेलन हो भी चुके हैं। हमने सभी 10 सीटों पर प्रभारी और पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं और जमीनी स्तर पर काम चल रहा है।”

उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें कटेहरी (अंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) शामिल है।

इनमें से नौ सीटें इसी साल जून में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में इनके विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई थीं। वहीं, सीसामऊ सीट पर सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराये जाने के चलते उनकी सदस्यता रद्द किये जाने के कारण उपचुनाव हो रहे हैं। हालांकि उपचुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई है।

लोकसभा चुनाव के बाद इन उपचुनावों में भी इंडिया गठबंधन बना रहेगा या नहीं, इस सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”हां। हम गठबंधन में उपचुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और सपा दोनों का उद्देश्य भाजपा को हराना है।”

उन्होंने कहा कि 10 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव अपने नेतृत्व को दिया है।

राय ने कहा, ”हमने पांच विधानसभा सीटों- मझवां (मिर्जापुर), फूलपुर (इलाहाबाद), गाजियाबाद, खैर (अलीगढ़) और मीरापुर (मुजफ्फरनगर) पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव अपने नेतृत्व को दिया है। ये वे सीटें हैं, जहां भाजपा के उम्मीदवार जीते थे।”

वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी पर पहले सपा का कब्जा था, जबकि पिछले चुनाव में भाजपा ने फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर में जीत दर्ज की थी। मीरापुर सीट पर राष्ट्रीय लोकदल का कब्जा था।

यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी पार्टी ने इस संबंध में सपा के साथ कोई बातचीत की है, राय ने कहा, ”एक बार बैठक हुई थी, जिसमें इस पर चर्चा हुई थी। हमने नेतृत्व और अपने उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को इस बारे में बता दिया है।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह उपचुनाव तक गठबंधन जारी रहने की उम्मीद करते हैं, राय ने कहा, ”हां, यह 100 फीसदी है।”

इस साल हुए लोकसभा चुनावों में, विपक्ष के इंडिया गठबंधन के सहयोगियों सपा ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश की 37 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को छह सीटें मिली थीं। सत्तारूढ़ भाजपा ने 33 सीटें जीती थीं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) और अपना दल (सोनेलाल) को क्रमशः दो और एक सीट मिली थी। आजाद समाज पार्टी ने एक सीट जीती थी।

उधर, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सचिव राजेंद्र चौधरी ने आगामी उपचुनाव में कांग्रेस से तालमेल के सवाल पर अपने पत्ते ना खोलते हुए कहा, ”बैठ कर तय किया जाएगा। राष्ट्रीय नेतृत्व ही इस बारे में तय करेगा।”

उन्होंने कहा, ”हम उपचुनावों के लिए पूरी तरह तैयार हैं। इंडिया गठबंधन सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करेगा।”

चौधरी ने दावा किया कि इस बार भाजपा मतदान केंद्रों पर कोई गड़बड़ी नहीं कर पाएगी।

उन्होंने कहा, ”हम बूथ स्तर तक अपनी तैयारी कर रहे हैं और इस स्तर पर अपनी पार्टी को मजबूत बनाने पर जोर दे रहे हैं।”

करहल विधानसभा सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है, जबकि कटेहरी सीट पार्टी के लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से लोकसभा में चुने जाने के कारण खाली हुई है। अयोध्या से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मिल्कीपुर से सपा विधायक अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के कारण यह सीट रिक्त हुई है। वहीं, संभल लोकसभा सीट के लिए चुने जाने के बाद सपा नेता जिया उर रहमान बर्क की मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट खाली हो गई है।

इसके अलावा, बिजनौर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद राष्ट्रीय लोकदल के चंदन चौहान ने मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया है। इसी तरह गाजियाबाद विधानसभा सीट भाजपा के अतुल गर्ग के गाजियाबाद लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद खाली हुई है। भाजपा के विनोद कुमार बिंद ने भदोही से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया, जबकि पार्टी नेता अनूप सिंह उर्फ अनूप प्रधान बाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से इस्तीफा दिया है।

भाजपा के प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है, नतीजतन इस सीट पर उपचुनाव होगा।

भाषा अभिनव सलीम संतोष रंजन

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