बंदायूः Budaun Jama Masjid Shamsi Controversy उत्तर प्रदेश के संभल मस्जिद का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि बदायूं में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। बदायूं की जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि पहले यहां नीलकंठ महादेव मंदिर था। अब यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। मंगलवार यानी आज सुनवाई हुई। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होगी। इधर, मुस्लिम पक्ष के वकील का इस विवाद को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। मुस्लिम पक्ष के वकील असरार अहमद सिद्दीकी ने कहा कि जो मामला दर्ज किया गया है वह फर्जी है। यह शांति भंग करने के लिए किया गया है। उनका (हिंदू पक्ष का) इस मस्जिद पर कोई अधिकार नहीं है।
Budaun Jama Masjid Shamsi Controversy बता दें कि हिंदू महासभा ने अध्यक्ष मुकेश पटेल ने अदालत में वाद दायर करते हुए कहा है कि जहां पर जामा मस्जिद है, वहां पर पूर्व में नीलकंठ महादेव का मंदिर था। जिसके सबूत हैं। आज भी मूर्तियां हैं, पुराने खंभे हैं, नीचे सुरंग है। पूर्व में यहां पास में तालाब हुआ करता था। जब मुस्लिम आक्रांता आए तो मंदिर तोड़ा गया। वहीं मान्यता है इस मंदिर के शिवलिंग थोड़ी दूर एक दूसरे मंदिर में लाकर स्थापित कर दिया गया, जिसकी आज भी मंदिर में पूजा होती है। मुकेश पटेल ने दावा किया है कि कुतुबुद्दीन ऐबक के समय मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। 1875 से 1978 तक के गजट में इसके प्रमाण मौजूद हैं। जिसमें लिखा है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई। इससे पूर्व सुनवाई में सरकार की तरफ से पक्ष रखा जा चुका है।
#WATCH | On Budaun’s Jama Masjid Shamsi case, advocate representing the Muslim side, Asrar Ahmed Siddiqui says, “The case that has been filed is fake. It has been done to disturb the peace. They (the Hindu side) have no rights over this mosque…” pic.twitter.com/fafoH74vkI
— ANI (@ANI) December 3, 2024