UP By-elections Latest Update : उपचुनाव में बसपा ने ठोकी ताल..! सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी BSP, मायावती ने बैठक में कर दिया ऐलान

UP By-elections Latest Update : यूपी की 10 रिक्त विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में BSP अपने उम्मीदवार उतारेगी।

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  • Publish Date - August 11, 2024 / 05:17 PM IST,
    Updated On - August 11, 2024 / 05:17 PM IST

UP By-elections Latest Update : लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ऐलान किया कि निकट भविष्य में राज्य की 10 रिक्त विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी और पूरे दमखम से चुनाव लड़ेगी। मायावती ने लखनऊ में प्रदेश कार्यालय में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की एक समीक्षा बैठक में उपचुनाव लड़ने की घोषणा की। अमूमन उपचुनावों से दूर रहने वाली बसपा ने इस उपचुनाव को पूरे दमखम से लड़ने का फैसला किया है।

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सभी 10 सीटों पर उतरेंगे बीएसपी उम्मीदवार

UP By-elections Latest Update : बसपा मुख्‍यालय से जारी एक बयान के मुताबिक, मायावती ने कहा, लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में रिक्त हुई 10 विधानसभा सीटों पर प्रस्तावित उपचुनावों के लिए अभी चुनाव की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसे लेकर सरगर्मी लगातार बढ़ रही है। मायावती ने कहा कि खासकर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सरकार द्वारा इसे (उपचुनाव को) प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लेने के कारण इन उपचुनावों में लोगों की रुचि काफी बढ़ी है, लिहाज़ा बसपा ने भी इन उपचुनावों में सभी (10) सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने और पूरे दमखम के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

बसपा की उम्मीदें उपचुनावों पर

बसपा प्रमुख ने इस बयान की प्रति अपने आधिकारिक ‘एक्‍स’ खाते पर भी साझा की। उन्होंने आग्रह किया कि चूंकि, बसपा गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की पार्टी है तथा दूसरे दलों की तरह यह बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के सहारे और इशारे पर नहीं चलती है, इसलिए इसके समर्थक पूरे तन-मन-धन से सहयोग कर पार्टी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं। राज्‍य में 2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कुल 403 सीटों में से सिर्फ एक सीट जीतने और लोकसभा चुनाव में पूरी तरह सफाया होने के बाद बसपा की उम्मीदें उपचुनावों पर टिकी हैं। आरक्षण को लेकर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अंदर उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ संबंधी मामलों के बीच बसपा प्रमुख अब पूरे तेवर में दिख रही हैं।

इन सीटों पर होना उपचुनाव

उत्तर प्रदेश के नौ विधायकों ने लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद विधानसभा से इस्तीफा दे दिया जबकि इरफान सोलंकी को एक आपराधिक मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। वह कानपुर के सीसामऊ से समाजवादी पार्टी के विधायक थे। इस तरह प्रदेश में विधानसभा की कुल 10 सीटें रिक्त हुई। विधानसभा के एक अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग को 10 रिक्ति सीटों की सूचना भेज दी गई है। उत्तर प्रदेश की करहल, मिल्कीपुर, कटेहरी, कुंदरकी, गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, फूलपुर, मझवां और सीसामऊ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। हालांकि अभी उपचुनाव कार्यक्रम की घोषणा नहीं की गई है।

मायावती का बीजेपी पर निशाना

समीक्षा बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए बसपा प्रमुख ने दावा किया कि प्रदेश व पूरे देश में बढ़ती गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई व पिछड़ेपन आदि को रोक पाने में सरकार की विफलता के कारण लोगों में आक्रोश है और भाजपा लगातार ध्‍यान भटकाने का प्रयास कर रही है। मायावती ने आरोप लगाया कहा, ”इन मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए वे (भाजपा) विनाशकारी बुलडोजर राजनीति का सहारा ले रहे हैं और लगातार नए जातिवादी और धार्मिक उन्‍माद/विवाद पैदा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं।’

बसपा प्रमुख ने दावा किया, इसी क्रम में धर्मांतरण पर नया कानून (लाया गया है), एससी-एसटी समाज के लोगों का उप-वर्गीकरण और ‘क्रीमी लेयर’ उन्हें विभाजित करने का नया प्रयास है। जातिगत जनगणना को नकारना, मस्जिदों-मदरसों और वक्फ के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता का गरीब और मेहनतकश वर्ग स्वाभिमान के साथ जीने, सम्मान के साथ रोजी-रोजगार कमाने की कोशिश कर रहा है लेकिन सरकार इसपर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है।

 

बसपा प्रमुख ने कहा कि सरकार की नीयत और नीति पर जनता अब आंख बंद कर विश्वास नहीं करती है, लिहाज़ा “बसपा को अपनी गरीब व सर्वजन हितकारी ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ की नीति और सिद्धांत के जरिए जनता का विश्वास जीतने का प्रयास जारी रखना होगा, जिसका चुनावी लाभ भी जरूरी एवं स्वाभाविक है।’ मायावती ने यह भी पूछा कि जब एससी-एसटी वर्ग के लोगों को आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण की सुविधा दी गई है, तब इसमें ‘क्रीमी लेयर’ का सवाल ही कहां से पैदा होता है?

सरकार की सख्ती कागजों पर ज्यादा

उन्होंने कहा कि इन समुदायों के लोगों के उप-वर्गीकरण की सोच अनुचित है। कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, ‘कानून-व्यवस्था के मामले में सरकार की सख्ती कागजों पर ज्यादा है और भाजपा के लोगों पर यह बेअसर है।’ राज्य के कई जिलों में बाढ़ के मामले को उठाते हुए उन्होंने कहा कि बाढ़ से कई लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

इससे पहले रविवार को मायावती ने दावा किया कि आरक्षण की रक्षा करने का वादा करके लोकसभा सीटें जीतने वाली कांग्रेस एससी और एसटी के भीतर उप-वर्गीकरण के पक्ष में दिखती है और इन समुदायों में ‘क्रीमी लेयर’ को आरक्षण के लाभ से बाहर रखने के मुद्दे पर अब तक अपनी आवाज नहीं उठा रही है।

 

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