चिकित्सक पर हमले के आरोपी कांस्टेबल के लिए न्याय की मांग को लेकर भाजपा एमएलसी ने धरना दिया

चिकित्सक पर हमले के आरोपी कांस्टेबल के लिए न्याय की मांग को लेकर भाजपा एमएलसी ने धरना दिया

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  • Publish Date - October 14, 2024 / 06:48 PM IST,
    Updated On - October 14, 2024 / 06:48 PM IST

गोरखपुर, 14 अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) देवेंद्र प्रताप सिंह ने उस कांस्टेबल के लिए न्याय की मांग को लेकर सोमवार को धरना दिया और एक दिवसीय अनशन किया, जिसे एक चिकित्सक के साथ विवाद के बाद उस पर हथौड़े से वार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

गोरखपुर के टाउन हॉल में गांधी प्रतिमा के पास धरने के दौरान भाजपा एमएलसी ने पत्रकारों से कहा, “हम कांस्टेबल पंकज कुमार के लिए न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे। हम इस मुद्दे को सदन (विधान परिषद) में उठाएंगे।”

सिंह ने आरोप लगाया, “तीन अक्टूबर को डॉ. अनुज सरकारी और उनके गुंडों ने कांस्टेबल पंकज कुमार को बेरहमी से पीटा और जब वह अगले दिन अपना आधार कार्ड एवं पर्चा लेने के लिए लौटा, तो उन्होंने उस पर फिर से हमला कर दिया।”

सिंह ने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच करने और चिकित्सक व उसके “गुंडे बाउंसर” के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। उनके धरना-प्रदर्शन में आरोपी कांस्टेबल की बीमार पत्नी भी मौजूद थी।

भाजपा एमएलसी ने डॉ. सरकारी और उनके परिवार के सदस्यों के पास 500 करोड़ रुपये की संपत्ति होने का आरोप लगाया। उन्होंने मामले की जांच की मांग भी की।

राष्ट्रीय हिंदू महासभा और क्षत्रिय महासभा ने कांस्टेबल पंकज कुमार का समर्थन किया है। दोनों संगठन के नेताओं ने अपना समर्थन दिखाने के लिए धरने में हिस्सा लिया।

इस बीच, भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी और राष्ट्रीय अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा कि अगर डॉ. सरकारी के खिलाफ तीन दिन के भीतर प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, तो वह मंगलवार से कैंट थाने के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह विवाद तीन अक्टूबर को शुरू हुआ, जब कांस्टेबल पंकज कुमार अपनी पत्नी और चार साल के बेटे के साथ अपनी पत्नी की चिकित्सा रिपोर्ट पर राय-मशविरा करने के लिए डॉ. सरकारी के अस्पताल गया था।

सूत्रों के मुताबिक, फीस को लेकर तीखी बहस के बाद अस्पताल के कर्मचारियों और कांस्टेबल के बीच झड़प हो गई। उन्होंने बताया कि अगले दिन चार अक्टूबर को कुमार ने डॉ. सरकारी पर कथित तौर पर हथौड़े से हमला किया, जिससे उनके सिर में चोट लग गई। इसके बाद कुमार को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।

भाषा

सं आनन्द

पारुल

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