बरेली। Dispute over the route of Jalsa-e-Mohammadi : ईद मिलाद-उन-नबी को ईद-ए-मिलाद के नाम से भी जाना जाता है। इस्लाम धर्म में ईद मिलाद-उन-नबी का त्योहार पैगंबर हजरत मोहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस्लामी धर्म के लोग जुलूस निकालते है। तो वहीं जुलूस-ए-मोहम्मदी के रास्ते पर विवाद होने का मामला सामने आया है। यूपी के बरेली में 2 समुदाय के लोग जुलूस-ए-मोहम्मदी के रास्ते पर विवाद। जिसके बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। बारावफात जुलूस को लेकर टकराव खत्म हुआ और लोगों ने रास्ता खाली कर दिया।
बता दें कि जुलूस ए मोहम्मदी के रास्ते को लेकर बरेली शहर के जिस जोगी नवादा मोहल्ले के जिस हिस्से में हंगामा हुआ, वहां ज्यादातर हिन्दू परिवार रहते हैं। यही वो जगह है, जहां के कांवड़ जत्थे को मुस्लिम पक्ष ने अपनी मस्जिद के सामने से नहीं गुजरने दिया था। इस रविवार को मुस्लिम पक्ष के सैकड़ों लोग हिन्दू समाज के घरों के सामने से डीजे लेकर जुलूस ए मोहम्मदी का जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे थे, तो मोहल्ले वालों ने नई परंपरा बताते हुए विरोध कर दिया।
हिन्दू पक्ष का कहना था पहले जुलूस में डीजे नहीं होता था, लेकिन इवस बार मुस्लिम समुदाय ज्यादा भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन कर रहा है और डीजे की नई परंपरा भी डाल रहा है। विवाद की आशंका से पुलिस-प्रशासन पहले से सतर्क था। इसी वजह से तबादले के बाद भी एसपी सिटी राहुल भाटी को बरेली में रोककर रखा गया था। हंगामा शुरू होते ही पुलिस-पीएसी दोनों ओर की भीड़ के बीच दीवार बन गए और टकराव के हालात टाल दिए।
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