बरेली में पति की हत्या की दोषी पत्नी को आजीवन कारावास की सजा

बरेली में पति की हत्या की दोषी पत्नी को आजीवन कारावास की सजा

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  • Publish Date - January 8, 2025 / 12:33 AM IST,
    Updated On - January 8, 2025 / 12:33 AM IST

बरेली (उप्र) सात जनवरी (भाषा) बरेली जिले की एक अदालत ने नाबालिग प्रेमी और उसके मित्र के साथ मिलकर अपने पति की हत्या करने की आरोपी पत्नी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) सुनील कुमार पांडेय ने मंगलवार को बताया कि नाबालिग प्रेमी और उसके दोस्त के साथ मिलकर अपने पति की हंसिए से गला काटकर हत्या करने के जुर्म में अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने कांधरपुर गांव की आरती (25) को सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई और उस पर 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। नाबालिग प्रेमी और उसके नाबालिग दोस्त का मामला किशोर न्याय बोर्ड में विचाराधीन है।

सुनील कुमार पांडेय के मुताबिक, कांधरपुर में रहने वाले 28 वर्षीय रोहित का शव सात जनवरी 2023 की सुबह गांव चनेहटी और परगवां के बीच खेत में पड़ा मिला था। उसकी गला रेत कर हत्या की गई थी। मामले में रोहित के फुफेरे भाई राजू सिंह ने थाना छावनी में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।

एडीजीसी ने बताया कि पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि रोहित की पत्नी आरती के ‘‘अवैध प्रेम संबंधों के कारण’’ यह हत्या की।

पुलिस ने मामले में दो नाबालिग आरोपियों को हिरासत में लेकर कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल हंसिए समेत अन्य साक्ष्य जुटाकर आरोपपत्र दाखिल किया।

पांडेय ने सात गवाह पेश किए। आरती के नाबालिग प्रेमी ने पुलिस को बताया था कि आरती से उसकी दोस्ती फेसबुक पर हुई थी जो बाद में प्रेम संबंधों में बदल गई। वह मुंबई में एक कार मिस्त्री की दुकान पर काम करता था।

पांडेय ने बताया कि नाबालिग ने आरती और अपने दोस्त के साथ मिलकर रोहित की गला रेत कर हत्या कर दी और शव को गांव परगंवा के पास एक खाली खेत में फेंक दिया।

अदालत ने आरती को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

अपर सत्र न्यायाधीश ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने अपने फ़ैसले में टिप्पणी की, ‘‘यह प्रेम नहीं सिर्फ व्याभिचारपूर्ण आकर्षण था और आरती का इरादा 28 वर्षीय रोहित की सारी संपत्ति की मालिक बनने के साथ किशोर के साथ शादी करना था। यदि इस तरह के अपराधों में समुचित दंड न दिया गया तो ऐसे संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।’’

भाषा सं आनन्द सिम्मी

सिम्मी