बरेली की अदालत ने ‘जय फलस्तीन’ बोलने के मामले में एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी को तलब किया

बरेली की अदालत ने ‘जय फलस्तीन’ बोलने के मामले में एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी को तलब किया

बरेली की अदालत ने ‘जय फलस्तीन’ बोलने के मामले में एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी को तलब किया
Modified Date: December 24, 2024 / 12:40 pm IST
Published Date: December 24, 2024 12:40 pm IST

बरेली (उप्र), 24 दिसंबर (भाषा) बरेली जिला अदालत के न्यायाधीश ने संसद में ‘जय फलस्तीन’ बोलने के मामले में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी को नोटिस जारी कर तलब किया है। एक अधिवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अदालत ने मामले में सात जनवरी को सुनवाई तय की है।

संसद में ‘जय फलस्तीन’ बोलने के मामले में ओवैसी के खिलाफ अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने वाद दायर किया है, जिसमें उन पर संवैधानिक एवं कानूनी मान्यताओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।

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अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि उन्होंने सांसद-विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) में असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने पुनरीक्षण याचिका जिला न्यायाधीश की अदालत में दायर की थी।

उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश की अदालत ने याचिका को स्वीकार करते हुए सांसद असदुद्दीन ओवैसी को सात जनवरी को हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है।

वाद दायर करने वाले अधिवक्ता वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि वह ओवैसी के ‘जय फलस्तीन’ का नारा लगाने से आहत हैं। ओवैसी का बयान भारत के संविधान के विपरीत और अपमान करने जैसा है। इसे लेकर ही उन्होंने बरेली सांसद-विधायक अदालत में याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने 12 जुलाई 2024 को खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने मामले में जिला न्यायाधीश की अदालत में अपील की।

चार जून, 2024 को 18वीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद 25 जून 2024 को ओवैसी ने हैदराबाद के सांसद के रूप में लोकसभा में शपथ ली। शपथ लेने के बाद ओवैसी ने ‘‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फलस्तीन’’ कहा था, जिस पर उस समय काफी हंगामा मचा था।

मामले के तूल पकड़ने के बाद ओवैसी ने इस पर सफाई देते हुए कहा था, ‘‘हर कोई बहुत सारी बातें कह रहा है। मैंने अभी कहा, ‘जय भीम, जय मीम, जय तेलंगाना, जय फलस्तीन’। यह कैसे खिलाफ है, संविधान में प्रावधान दिखाएं।’’

भाषा सं आनन्द मनीषा सुरभि

सुरभि


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