बरेली के उच्च प्राथमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन के बाद करीब छह बच्चे छटपटाने लगे, जांच के निर्देश

बरेली के उच्च प्राथमिक विद्यालय में मध्यान्ह भोजन के बाद करीब छह बच्चे छटपटाने लगे, जांच के निर्देश

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  • Publish Date - December 1, 2024 / 09:46 PM IST,
    Updated On - December 1, 2024 / 09:46 PM IST

बरेली (उप्र) एक दिसंबर (भाषा) बरेली जिले के नवाबगंज क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने गए करीब छह बच्चे शनिवार को मिड मील खाने के एक घंटे बाद अचानक छटपटाने लगे, जिनकी प्राथमिक जांच में कोई बीमारी स्पष्ट नहीं हुई। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मामले की जांच के आदेश दे दिये गये हैं।

नवाबगंज तहसील के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) अजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि बच्चों के विद्यालय में चक्कर खाकर गिरने की सूचना मिली थी। चिकित्सकों की टीम को भेजा गया और अब सभी बच्चे ठीक हैं। एसडीएम ने कहा कि पूरे मामले की जांच करने के लिए खंड शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए गए हैं।

ईध जागीर गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शनिवार को बच्चों को गला पकड़कर चीखते देख तत्काल मदद के लिए डायल 112 पुलिस बुलाई गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंची, लेकिन प्राथमिक जांच में कोई बीमारी स्पष्ट नहीं हुई।

ईध जागीर गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में 117 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं।

विद्यालय की प्रधानाध्यापक सुषमा कुमारी ने बताया कि शनिवार को बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया गया था। इसके एक घंटे बाद कक्षा छह की छात्रा शबनूर अचानक बाहर से दौड़ते हुई आई और गला पकड़कर जमीन पर छटपटाने लगी। कुछ ही देर बाद छात्रा दीप्ति, लता, फरीन, सोहेल, इन्द्रजीत व अंजुम भी गले में दर्द और जलन होने की बात कहते हुए रोने लगे।

कुमारी ने बताया कि शिक्षक अलका, सीमा पाठक व सायमा जहरा ने बच्चों को संभालने का प्रयास किया मगर, वे उनकी स्थिति देखकर घबरा गई। मदद के लिए पुलिस बुलाई गई, अभिभावक भी पहुंच गए। छात्रा लता और अंशिका को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। वहां कुछ देर बाद हालत सामान्य होने पर छुट्टी कर दी गई। अन्य बच्चों को स्वजन दूसरे चिकित्सकों के पास ले गए।

चिकित्सकों ने आशंका जताई है कि स्कूली बच्चे किसी अफवाह से घिर गए होंगे। अक्सर गांवों में कुछ काल्पनिक कहानियां गढ़ ली जाती हैं। बच्चे उन पर जल्द भरोसा कर लेते हैं। इसके बाद वहम या मानसिक विकार के कारण उन्हें लगता है कि कहानी के पात्र आसपास हैं।

बरेली के जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. आशीष सिंह ने बताया कि बच्चों में शेयर्ड सजेस्टिबल बिहेवियर (सुनकर समझने की प्रवृत्ति ) सामान्य होती है। एक बच्चा अगर डरकर भागा होगा तो दूसरे बच्चे भी डरकर भागे होंगे और सहम गए होंगे, इसलिए बच्चों को कोई बात बताई जाए तो उसके बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए, इससे वह भयभीत नहीं होते हैं।

प्रधानाध्यापक सुषमा कुमारी ने बताया कि बच्चों की तबीयत ठीक है, संभवत: किसी अफवाह से वे डर गए होंगे।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. अमित कुमार ने बताया कि दो छात्राओं को उपचार के लिए लाया गया था और वे बेहद घबराई हुई थीं, मगर, उन्होंने कोई कारण नहीं बताया।

भाषा सं आनन्द धीरज

धीरज