आजमगढ़। आजमगढ़ की फूलपुर सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक रमाकांत यादव ने जान से मारने की नीयत से हमला करने के 24 साल पुराने एक मामले में सोमवार को न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
रमाकांत यादव के अधिवक्ता आद्या शंकर दुबे ने बताया कि 17 फरवरी 1998 को आजमगढ़ लोकसभा सीट पर चुनाव के दौरान सपा उम्मीदवार रमाकांत यादव और बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी तथा उनके समर्थकों के बीच फूलपुर थाना क्षेत्र के अंबारी चौक में विवाद हुआ और फिर गोलीबारी हुई थी। हालांकि इस घटना में किसी को गोली नहीं लगी थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में फूलपुर थाने के दारोगा वेद प्रकाश सिंह ने रमाकांत यादव तथा अकबर अहमद डंपी समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद अक्टूबर 1998 में रमाकांत यादव और डंपी समेत 79 लोगों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
दुबे ने बताया कि रमाकांत यादव की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। दिसंबर 2021 में उच्च न्यायालय ने याचिका निस्तारित करते हुए यादव समेत सभी आरोपियों को न्यायालय में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि उस वक्त विधानसभा चुनाव के मद्देनजर रमाकांत यादव ने आत्मसमर्पण नहीं किया था, इस पर एमपी-एमएलए अदालत ने सभी आरोपियों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। सोमवार को रमाकांत यादव ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसके अलावा चक्का जाम करने के छह वर्ष पुराने मामले में भी रमाकांत यादव ने इसी अदालत में सोमवार को ही आत्मसमर्पण किया।