रामपुर (उप्र), 13 फरवरी (भाषा) शीर्ष अदालत से सफाई मशीन चोरी मामले में जमानत मिलने के बावजूद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान सलाखों के पीछे ही रहेंगे।
पिता-पुत्र की जोड़ी 18 अक्टूबर 2023 से जेल में है। उन्होंने 16 महीने से अधिक समय जेल में बिताया है।
दोनों नगर पालिका परिषद रामपुर की सफाई मशीन की बरामदगी के मामले में आरोपी थे, जो मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के परिसर से बरामद की गई थी।
बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में मोहम्मद आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान दोनों को जमानत दे दी। हालांकि, कई कानूनी बाधाओं के कारण उनकी रिहाई में अब भी देरी हो रही है।
आजम खान के अधिवक्ता नासिर सुल्तान ने बताया कि जमानत मिलने के बावजूद दोनों के खिलाफ कई अन्य मामले लंबित हैं, जिससे उनकी तत्काल रिहाई मुश्किल है।
सुल्तान ने बताया कि डूंगरपुर में सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण के नाम पर दर्जनों मकानों को जबरन खाली कराने और ध्वस्त करने के मामले में आजम खान को 10 और सात साल की सजा सुनाई गई है।
अधिवक्ता के मुताबिक इसके अलावा उनके खिलाफ अब भी आधा दर्जन से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।
शत्रु संपत्ति से जुड़े मामले में आजम खान फिलहाल सीतापुर जेल में सजा काट रहे हैं, जबकि अब्दुल्ला आजम खान हरदोई जेल में बंद हैं।
सुल्तान ने कहा कि आजम खान को दी गई सजा के खिलाफ उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में अपील लंबित हैं, इसके अलावा आजम खान कुछ अन्य मामलों में जांच के घेरे में हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी रिहाई तभी संभव होगी, जब अपील पर फैसला हो और इन मामलों में जमानत मिल जाए।
सुल्तान का कहना है कि जहां तक अब्दुल्ला आजम खान का सवाल है तो शीर्ष अदालत से जमानत मिलने के बावजूद शत्रु संपत्ति मामले में संलिप्तता के कारण उनकी रिहाई में देरी हो रही है।
सुल्तान ने कहा, ‘‘अब्दुल्ला आजम खान ने रामपुर की सांसद-विधायक विशेष अदालत में जमानत याचिका दायर की है, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। अगर अदालत उन्हें जमानत दे देती है, तो वह जेल से रिहा हो सकते हैं।’’
वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी की सरकार गिरने के बाद से मोहम्मद आजम खान और उनके परिवार के सदस्यों पर 100 से ज़्यादा कानूनी मामले दर्ज हैं।
समाजवादी पार्टी के एक प्रमुख नेता और रामपुर सदर से 10 बार विधायक रह चुके आजम खान को 2019 के एक भड़काऊ भाषण मामले में दोषी पाए जाने के बाद अक्टूबर 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
इस बीच, रामपुर के स्वार निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम खान को एक लोक सेवक को रोकने के लिए आपराधिक बल का इस्तेमाल करने का दोषी पाए जाने के बाद फरवरी 2023 में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
दोषसिद्धि के कारण, दोनों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत छह साल के लिए चुनाव लड़ने से रोक दिया गया और उनकी सदस्यता समाप्त हो गयी।
भाषा सं आनन्द
राजकुमार
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