Reported By: Apurva Pathak
, Modified Date: March 20, 2024 / 02:42 PM IST, Published Date : March 20, 2024/2:42 pm ISTHoli in Ayodhya : अयोध्या। होली खेले रघुबीरा, अवध में होली खेले रघुवीरा….! प्रभु राम के बारे में होली के ख़ास अवसर पर गाए जाने वाले अवध के इस ख़ास गीत को सुन कर होली के स्वरूप और परम्परा का भान हो जाता है। इस बार की होली अयोध्या के लिए राम वाली होली है। क्योंकि रामलला के भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान हो चुके है। वैसे अयोध्या में होली के कई रंग दिखते है।
Holi in Ayodhya : साधु-संतो की माने तो इस दिन वह किसी और के साथ नहीं बल्कि साक्षात भगवान राम के साथ ही होली खेलते है। चाहे वह सडको पर रंग गुलाल खेलते साधू संत हो, करतब दिखाते साधू संत हो या फिर अवधी लोकगीत पर झूमते मंदिरों के साधु संत। इस मौके पर अवध के नृत्य संगीत का जो जादू मंदिरों में दिखाई देता है। वह वरवस ही वशीभूत करने वाला होता है और साधु संत हो या आम नागरिक सभी अपनी सुध बुध खोकर होली के रंग में भीग जाते है।
अयोध्या में रंग भरी एकादशी के साथ मंदिरों में होली शुरू हो जाती है और होली तक पूरी अयोध्या फागुनी रंग में सराबोर हो जाती है। अयोध्या में इसी ख़ास अवसर पर निकलने वाले हनुमान गढ़ी के पवित्र निशान के साथ नागा साधु सड़कों पर और मंदिर-मंदिर रंग गुलाल के साथ होली खेलते है। बैंड-बाजे के साथ अयोध्या की सडको पर होली के अवसर पर निकलने वाला साधु संतो का काफिला सबकुछ भूल होली के हुडदंग में शामिल हो जाता है।
सड़कों पर वाद्य यंत्रो के साथ तरह-तरह के करतब दिखाते और रंग गुलाल उड़ाते साधू संत मंदिर मंदिर जाते है और वंहा मौजूद साधू संतो को लेकर उस मंदिर में पूजा अर्चना कर साथ लेकर आगे बढ़ जाते है। ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में हनुमान जी सभी देवी देवताओं को निमंत्रण देने खुद जाते है इसीलिए उनका पवित्र निशान वर्ष में केवल एक बार इसी ख़ास अवसर पर निकाला जाता है।
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