Ayodhya Deepotsav 2024: ‘सज गई प्रभु राम की नगरी..’ भक्तों के साथ ‘सरयू’ भी करेगी भगवान श्रीराम का स्वागत.. लाखों दीपों से जगमगा उठेगा अयोध्या धाम

Ayodhya Dham Diwali Special : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव और दीपावली पर्व बेहद खास होने वाला है। UP Latest News Today

  • Reported By: Apurva Pathak

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  • Publish Date - October 30, 2024 / 10:59 AM IST,
    Updated On - October 30, 2024 / 10:59 AM IST

अयोध्या। Ayodhya Deepotsav 2024 : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव और दीपावली पर्व बेहद खास होने वाला है। जहां एक तरफ अयोध्या को त्रेता युग की तर्ज पर सजाया जाएगा तो वही सबसे खास होगा श्री राम जन्मभूमि मंदिर। यहां पर दो दिनों तक चलने वाले पर्व में दीपक और सजावट से लेकर फूलों तक सब कुछ बेहद खास होगा। अयोध्या में आज सरयू नदी के घाटों पर 25 लाख दीये जलाकर ‘दीपोत्सव’ मनाया जाएगा, जिसमें लोक कलाकार पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत करेंगे।

अयोध्या की दिवाली होगी खास

Ayodhya Deepotsav 2024 : लंका विजय के उपरांत 14 वर्ष बाद प्रभु राम जब अयोध्या पहुंचे थे तो उनके स्वागत में सजावट और आतिशबाजी की गई थी और घी के दीपक जलाए गए थे। ठीक इसी तरह लंबे संघर्ष के बाद निर्मित हो रहे श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव है। इसलिए पूरे मंदिर को खूबसूरत फूलों से सजाया जाएगा। जिसमें लगभग दो ट्रक फूलों का इस्तेमाल होने वाला है जिन्हें अन्य प्रदेशों से मंगाया गया है। इसी तरह फूलों के साथ मंदिर को रंगबिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा।

जहां तक दीपक की बात करे तो मंदिर के गर्भ गृह में घी का दीपक जलेगा तो मंदिर के अन्य निर्माण क्षेत्र में मोम के बने दीपकों का इस्तेमाल होगा जिससे दीपक के धुएं से पत्थर खराब न हो। इसके अलावा पूरे राम जन्मभूमि परिसर में गाय के गोबरों से बने दीपक का प्रयोग होगा लेकिन इसमें सरसों के तेल का प्रयोग किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ही लगभग 1 लाख दीपक जलाए जाएंगे।

अयोध्या में तैयारियां हुई पूरी

भगवान के अपने गर्भ गृह में बैठने के बाद का यह पहला दीपोत्सव पड़ रहा है और वृहद इसकी तैयारी हमारे यहां ट्रस्ट कर रहा है। एक तो मंदिरों को सुंदर फूलों से सजाया जाएगा। पिछली बार से भी अच्छी तरह से पूरे क्षेत्र को सजाया जाएगा। इसी के साथ बिजली की सजावट तो होगी ही। दीपों की भी आपकी एक लाख दीप जलाने का लक्ष्य है गर्भ गृह के अंदर तो घी का दिया जलेगा और पत्थर के क्षेत्र के बाहर तेल का दिया जलाए जाएंगे मैदान में क्योंकि दाग न पड़े पत्थर में इसीलिए अंदर जो मॉम के दीपक आजकल आ रहे हैं बने हुए उनको जलाया जाएगा जिससे कोई दाग न पड़े और साफ सफाई कोई खतरा न हो।

तेल से पत्थर पर फिसलन हो जाती है यात्रियों को कहीं गिरने का डर भी ना रहे इस कारण ऐसे दीपक जलाए जाएंगे जिससे कोई नुकसान न पैदा हो कोई दिक्कत ना हो और दो दिन चलेगा क्योंकि दीपावली तो अमावस्या को के दिन ही मनाई जाती है पर हमारे यहां छोटी दीपावली दो आदेश के दिन उसे दिन हनुमान जयंती भी पड़ती है और हनुमान जी का यह प्रमुख स्थान है राम जी के बाद तो हनुमानगढ़ में हनुमान जी का जन्मदिन मनाया जाता है और और छोटी दिवाली उसे दिन हम लोग कहते हैं उसी को यहां पर दीपोत्सव के रूप में मनाया जाता है लेकिन आपकी उसे दिन भी और उसके अगले दिन भी जो अमावस्या का पर्व है उसमें भी उसी तरह से मनाया जाएगा।

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