अयोध्या। Ayodhya Ram Mandir: राम की नगरी अयोध्या में रामलाल विराजमान हो चुके हैं। 22 जनवरी को हुई प्राण प्रतिष्णा के बाद आज पहली बार मंदिर परिषद ने दो दिवसीय यानी की कल से बैठक शुरु की है। जिसमें बताया गया कि 10 फरवरी से मंदिर के बचे हुए निर्माण का कार्य फिर से शुरु होने वाला है। इसके साथ ही बैठक में रामनवमी से पहले यात्री सुविधाएं विकसित करने की बात कही है वहीं इस साल के अंत तक प्रथम तल पर भव्य राम दरबार स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया की जल्द ही मंदिर निर्माण का शेष कार्य शुरू होने जा रहा है।
क्या है सप्त मंडपम
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सप्त मंडपम की परिकल्पना भी जल्द साकार होगी। साथ ही परिसर में एक बड़े आकार का मंडप बनाया जाएगा। इसमें श्रीराम के समकालीन सात पात्रों के छोटे-छोटे मंदिर होंगे।सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी व माता अहिल्या के मंदिर होंगे। वहीं राम मंदिर ट्रस्टी के अध्यक्ष ने बताया की परिसर की सभी सड़कों का निर्माण, प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा उपकरण लगाने के काम, तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र का शेष काम रामनवमी से पहले पूरा करने का लक्ष्य है। जिसकी सफाई का ठेका कंपनी को दिया जाएगा जिसकी सफाई में करीब 50 सफाई कर्मी रोजाना सफाई करेंगे।
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Ayodhya Ram Mandir: बता दें कि मौजूदा समय में रोजाना एक से दो लाख श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। शनिवार, रविवार और मंगलवार को यह संख्या बढ़कर दो से तीन लाख तक भी पहुंच जाती है। वहीं राम लला की प्राण प्रतिषठा के बाद करीब 5 लाख से भी अधिक श्रध्दालुओं की भीड़ उमड़ी थी जिस वजह से मंदिर परिसर में अव्यवस्था होने लगी थी। जिसे देखते हुए प्रशासन के द्वारा कई तरह के इंतजाम किए गए हैं। जिसमें रोजाना एक से तीन लाख तक आने वाले रामभक्तों को बिना किसी परेशानी के उनके आराध्य के दर्शन करने का मौका मिलें।