लखनऊ । उत्तरप्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े दो लोगों को कथित तौर पर कट्टरता फैलाने के आरोप में रविवार को वाराणसी से गिरफ्तार किया तथा राज्य के विभिन्न जिलों से 70 संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। एटीएस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों आरोपियों पर 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। बयान के अनुसार, परवेज अहमद और रईस अहमद वर्ष 2022 में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत दर्ज एक मामले में फरार थे और उनमें से प्रत्येक पर 50,000 रुपये का इनाम था। एटीएस के अनुसार “दोनों आरोपी वाराणसी में पीएफआई की कट्टरपंथी विचारधारा को फैलाने में शामिल थे। ये दोनों भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत वाराणसी में दर्ज कुछ मामलों में वांछित थे।”
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पीएफआई को गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पिछले साल केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था। एटीएस ने आरोप लगाया कि दोनों वर्ष 2019 में संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) प्रदर्शन के दौरान राज्य के खिलाफ गतिविधियों में शामिल थे। बयान के अनुसार एटीएस द्वारा रविवार को प्रदेश स्तर पर एक दिवसीय गोपनीय अभियान चलाकर चिह्नित संदिग्ध व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारंभ की गयी। एटीएस ने अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) के नेतृत्व में छापेमारी के लिए 30 टीमों का गठन किया और विभिन्न जिलों से 70 संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
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बयान में कहा गया कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए संदिग्धों में वाराणसी के आठ, लखनऊ के नौ, गाजियाबाद के 10, , शामली के 11, बिजनौर के पांच और मेरठ के चार और सिद्धार्थनगर,बलरामपुर, सीतापुर,बुलंदशहर, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और अमरोहा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। एटीएस ने बताया कि इनके अलावा बहराइच, देवरिया और कानपुर से दो-दो तथा बाराबंकी, आजमगढ़ और मुजफ्फरनगर के तीन-तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। बयान के अनुसार उपरोक्त संदिग्ध व्यक्तियों से गहन पूछताछ जारी है और इसके साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों एवं सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता की जानकारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का डेटा विश्लेषण किया जा रहा है। एटीएस ने कहा कि समीक्षा के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
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