Islam does not allow live-in and sex before marriage: उत्तर प्रदेश। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शादी से पहले पहले लिव-इन में रहने और यौन सम्बन्ध बनाने को इस्लाम में गलत बताया है।जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच की जस्टिस संगीता चंद्रा और जस्टिस नरेंद्र कुमार जौहरी ने दायर याचिका के जवाब में डायरेक्शन देते हुए कहा यह एक सामाजिक परेशानी है जो सामाजिक रूप से दूर हो सकती है। इसके लिए रिट पिटीशन डालने की कोई जरूरत नहीं है।
याचिका डालने वाली 29 साल की एक हिंदू महिला है जो 30 साल के मुस्लिम युवक के साथ लिव-इन में रहती है। महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि पुलिस उसे परेशान कर रही है और उसे सुरक्षा दी जाए। युवती की मां ने भी पुलिस से शिकायत की थी, जिसका जिक्र याचिका में किया गया है, जिसके बाद पुलिस पर परेशानी करने और सुरक्षा देने की मांग की है। महिला ने यह भी कहा कि उसकी मां इस रिश्ते से खुश नहीं है।
Islam does not allow live-in and sex before marriage: कोर्ट ने याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें याचिकाकर्ता ने इस बात का जिक्र नहीं किया है कि वह भविष्य में एक-दूसरे से शादी करेंगे या करना चाहते हैं और इस्लाम के मुताबिक, बिना शादी के फिजिकल रिलेशनशिप को मान्यता नहीं दी जा सकती है। इसके अलावा आकर्षण सेक्स, छूना, घूरना और किसिंग तक इस्लाम में शादी से पहले हराम है। कोर्ट ने ZINA को परिभाषित करते हुए यह भी कहा कि किसी भी प्रकार का सेक्स या फिजिकल रिलेशनशिप पति-पत्नी के अलावा एक्स्ट्रा मैरिटल सेक्स और पैरामेट्रियल सेक्स कानूनी मान्यता नहीं देता है।
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