लखनऊ, चार मार्च (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है कि वह राजस्थान, महाराष्ट्र और कुछ अन्य राज्यों में अपनाई जा रही ‘खुली जेल’ की अवधारणा का अध्ययन करके आगामी 29 मार्च तक उसके सामने एक योजना या प्रस्ताव पेश करे।
न्यायमूर्ति ए. आर. मसूदी और न्यायमूर्ति बी. आर. सिंह की पीठ ने 28 फरवरी को एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसे पीठ ने एक कैदी की शिकायत के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया था।
पीठ ने अपने आदेश में राज्य को उन कैदियों के आश्रितों के लिए चलाई जा रहीं योजनाओं के बारे में अदालत को बताने के भी निर्देश दिए हैं जो अपने परिवार के इकलौते कमाने वाले थे और उनके जेल में होने की वजह से परिवार के लोग खासतौर पर उनके बच्चे गंभीर वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रहे हैं।
पीठ ने शासकीय अधिवक्ता अनुराग वर्मा से कहा कि वह गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ-साथ कारागार महानिदेशक को अदालत के आदेश के बारे में बताएं ताकि उसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जा सके।
पीठ ने इस मामले में सहायता के लिए वकील एसएम रॉयकवार को नियुक्त किया है।
भाषा सं सलीम जोहेब
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