अलीगढ़: मुस्लिम यूनिवर्सिटी यानी AMU की वाइस चांसलर के तौर पर नईमा खातून को नियुक्त किया गया है। 123 साल पुराने विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार किसी महिला को VC बनाया गया है। नईमा खातून AMU वीमेंस कॉलेज के प्रिंसिपल और कार्यवाहक वाईस चांसलर मोहम्मद गुलरेज की पत्नी हैं। (kaun hain naima khatoon AMU) अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी किसी महिला को वीसी बनाने वाला तीसरा विश्वविद्यालय बन गया है। इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी महिला वाईस चांसलर बनाया जा चुका है।
नईमा खातून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद कुलपति के पद पर नियुक्त किया गया है। साथ ही नईमा खातून को पांच साल के लिए एएमयू का कुलपति नियुक्त किया गया।
देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं, और आदर्श आचार संहिता लागू होने के चलते भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से नियुक्ति को लेकर मंजूरी मांगी गई थी। जिसपर चुनाव आयोग ने कहा कि उसे नियुक्ति में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए। तो आइए जानते है कि कौन है अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर।
नईमा खातून वाईस चांसलर बनने से पहले वीमन्स कॉलेज में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई एएमयू से ही किया है। (kaun hain naima khatoon AMU) प्रोफेसर खातून ने जुलाई 2014 में महिला कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में शामिल होने से पहले मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर और अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उन्होंने मध्य अफ्रीका के रवांडा के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया है।
नईमा की बात करें तो उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लुइस विले, यूएसए, यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बा लूलिया, रोमानिया, चुलालोंगकोर्न यूनिवर्सिटी बैंकॉक, हॉलिंग्स सेंटर, इस्तांबुल, तुर्की और हॉलिंग्स सेंटर फॉर इंटरनेशनल डायलॉग, बोस्टन, यूएसए में भी दौरा किया है।