‘करप्शनरेट’ बन गये राज्य के कमिश्नरेट : अखिलेश यादव

‘करप्शनरेट’ बन गये राज्य के कमिश्नरेट : अखिलेश यादव

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 08:33 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 08:33 PM IST

लखनऊ, 24 सितंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर मंगलवार को निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के कमिश्नरेट दरअसल ‘करप्शनरेट’ बन गये हैं।

यादव ने यहां जारी एक बयान में प्रदेश की पुलिस पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा राज में कमिश्नरेट (पुलिस कमिश्नर व्यवस्था वाले जिले) दरअसल ‘करप्शनरेट’ बन गये है। कमिश्नरेट वसूली का विकेन्द्रीकरण है।”

उन्होंने कहा, “प्रदेश की तमाम समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए सरकार के इशारे पर निर्दोषों को झूठे मुकदमों में फंसाने और फर्जी मुठभेड़ का खेल चल रहा है। याद रहे कमजोर लोग मुठभेड़ को अपनी शक्ति मानते है। किसी के साथ भी फर्जी मुठभेड़ नाइंसाफी है।”

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, “उत्तर प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है। भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को अराजकता में धकेल दिया है। चरम पर भ्रष्टाचार, बजट की लूट, निर्दोषों पर झूठे मुकदमें, फर्जी मुठभेड़, बढ़ते अपराधों से प्रदेश की छवि खराब हो रही है। इसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। पुलिस प्रशासन मनमानी पर उतारू है।”

यादव ने कहा, “भाजपा सरकार ने सात साल के शासनकाल में ऐसा माहौल बना दिया है कि आज कोई भी खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहा है। पुलिस अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें सजा दिलाने के बजाय भाजपा के राजनीतिक एजेण्डे के लिए काम कर रही है। असली अपराधियों और घटनाओं के दोषियों की जगह गरीब निर्दोषों पर झूठे मुकदमें लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा की बर्दाश्त न की जानी वाली नीतियों का दावा झूठा साबित हो चुका है। भाजपा के नेता, पदाधिकारी, विधायक खुद स्वीकार करते हैं कि प्रदेश में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है। इतना भ्रष्टाचार पहले कभी नहीं रहा।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “मुख्यमंत्री को अब अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लेना चाहिए, क्योंकि अब भाजपा और इनके सहयोगी दलों के नेता और जनप्रतिनिधि शासन-प्रशासन पर आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे होने की बाते कह रहे हैं। विधायक, पुलिस कमिश्नरेट को कमीशन रेट की उपाधि दे रहे हैं।”

भाषा सलीम जितेंद्र

जितेंद्र