Akhilesh SP party support to AAP against central ordinance

केंद्र के अध्याधेश के खिलाफ AAP जुटा रही समर्थन, समाजवादी पार्टी भी हुई राजी

Akhilesh SP party support to AAP against central ordinance: समाजवादी पार्टी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करेगी।

Edited By :   Modified Date:  June 7, 2023 / 08:53 PM IST, Published Date : June 7, 2023/8:10 pm IST

Akhilesh SP party support to AAP against central ordinance : लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करेगी। इससे पूर्व ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अखिलेश यादव से उनके पार्टी कार्यालय में मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। केजरीवाल ने इस संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ चर्चा की और हम उनका धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमें आश्वस्त किया है कि वे राज्यसभा में हमारा समर्थन करेंगे। सपा प्रमुख ने आप को समर्थन देने का आश्वासन दिया और इस अध्यादेश को लोकतंत्र विरोधी करार दिया।’’

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Akhilesh SP party support to AAP against central ordinance : दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर राष्ट्रीय राजधानी में सेवाओं के नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगा और बताया कि अखिलेश ने उनसे कहा, “मेरी पार्टी आपके साथ है।” अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘यह अध्यादेश लोकतंत्र विरोधी है और इसकी मंशा लोकतंत्र विरोधी है। मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि समाजवादी पार्टी इस मामले में आपका पूरा समर्थन करती है।’’ अखिलेश ने कहा, ‘‘शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आप जो कार्य कर रहे हैं, भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) को वह रास नहीं आ रहा है। यह भाजपा ही है जो इस देश में अच्छे कार्यों को बर्बाद कर रही है और वे आपके काम से परेशान हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दिल्ली के लोग भाजपा का सफाया कर देंगे।’’

 

केजरीवाल गैर भाजपा पार्टियों का समर्थन क्यों हासिल कर रहे हैं, इस सवाल पर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि जब संसद में यह अध्यादेश आएगा तो लोकसभा में भाजपा का बहुमत है लेकिन राज्यसभा में उसके केवल 93 सदस्य हैं। यदि सभी गैर भाजपा दल एकजुट होते हैं तो यह अध्यादेश गिराया जा सकता है, यह 2024(लोकसभा चुनाव) का ‘सेमीफाइनल’ होगा। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय अवकाश के बाद खुलने पर इस मुद्दे पर फिर उससे संपर्क किया जाएगा। केजरीवाल ने कहा, ‘‘यदि राज्यसभा में यह अध्यादेश गिर जाता है तो इससे 2024 के चुनाव से पूर्व एक बड़ा संदेश जाएगा।’’ यह पूछे जाने पर क्या इस बैठक में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर भी चर्चा हुई तो केजरीवाल ने कहा, ‘‘2024 के लोकसभा चुनावों पर कोई चर्चा नहीं हुई। बैठक में केवल अध्यादेश पर चर्चा हुई लेकिन, इस देश को बचाने के लिए हम सभी साथ हैं और जो कुछ भी जरूरी होगा, किया जाएगा।’’

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उल्लेखनीय है कि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल इस अध्यादेश के खिलाफ भाजपा विरोधी दलों का समर्थन लेने के लिए उनसे संपर्क रहे हैं ताकि जब इसे संसद में लाया जाये तो यह गिर जाए। इस अध्यादेश पर केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने एक अधिसूचना लाकर सभी शक्तियां छीन ली। निर्वाचित सरकार की नौकरशाहों (स्थानांतरण, तैनाती, अनुशासनात्मक कार्रवाई, भ्रष्टाचार पर कार्रवाई) संबंधी शक्तियां ‘आप’ सरकार से छीन ली गईं। उन्होंने कहा कि आठ साल की लंबी लड़ाई के बाद 11 मई को उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने एक निर्णय दिया कि सभी शक्तियां निर्वाचित सरकार में निहित होनी चाहिए। यदि उसके पास नियंत्रण नहीं है तो यह संविधान के खिलाफ है।

 

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