लखनऊ, 23 मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश में मौजूदा सरकार के कार्यकाल के दौरान अब तक तीन बार हुये निवेशक सम्मेलन पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने सोमवार को कहा कि जब से भाजपा सत्ता में आई है, यह (इन्वेस्टर्स समिट) घोटाले का एक माध्यम बन गया है।
इस साल फरवरी में आयोजित होने वाले निवेशक सम्मेलन से पहले खाबरी ने मांग की कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में तीन बार हुये इस समिट पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिये ताकि जनता को सच्चाई का पता चल सके ।
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय से सोमवार को जारी एक बयान में खाबरी ने कहा, ‘‘पूर्ववर्ती सरकारें भी निवेशक सम्मेलन किया करती थी, लेकिन जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है, यह सम्मेलन घोटाले का एक माध्यम बन गया है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि इसका आयोजन करके तथा इसका प्रचार-प्रसार करके जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद किया जाता है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश सरकार आगामी 10 से 12 फरवरी तक प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश में व्यापार के असीम अवसरों को प्रदर्शित करेंगे तथा भारत की प्रगति यात्रा में हमारे साथ सहयोग करने के लिए वैश्विक व्यापारिक समुदाय को एक उत्कृष्ट मंच उपलब्ध करायेंगे।
सरकार पर निशाना साधते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि इसके पूर्व जितने भी समिट हुए हैं, उनमें हजारों करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होना बताया गया, लेकिन उसमें से कितने उत्तर प्रदेश के धरातल पर आये, यह सवाल बना हुआ है और सरकार जवाब देने में असहज है।
पूर्व सांसद ने कहा कि मंत्रियों एवं अधिकारियों को विदेशों में भेजा गया, देश के तमाम राज्यों में भेजा गया जो सुख सुविधा लेते हुए शीतकालीन अवकाश भी इसी बहाने मनाये तथा पर्यटन लाभ लिया और अब बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हजारों करोड़ के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो रहे हैं ।
खाबरी ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश जहां महंगाई विभीषिका बन कर खड़ी है, बेरोजगारी नौजवानों की जान लेने पर अमादा है, कानून व्यवस्था का हाल बदहाल है, किसान अपनी लागत के लिए परेशान हैं, ऐसे हालात में जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा बर्बाद करने का कोई हक सरकार को नहीं है।
भाषा आनन्द रंजन
रंजन