पूर्व विधायक और एसएचओ के बीच कहासुनी का वीडियो सामने आने के बाद एसपी ने जांच के आदेश दिए

पूर्व विधायक और एसएचओ के बीच कहासुनी का वीडियो सामने आने के बाद एसपी ने जांच के आदेश दिए

  •  
  • Publish Date - January 13, 2025 / 08:58 PM IST,
    Updated On - January 13, 2025 / 08:58 PM IST

बलिया, 13 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के बैरिया थाना परिसर में पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और थाना प्रभारी के बीच कहासुनी का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

सोशल मीडिया पर सोमवार को एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और बैरिया थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रामायण सिंह के बीच जमकर कहासुनी हो रही है।

वीडियो में पूर्व विधायक यह बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं कि कार्यकर्ता को थाने से भगाएंगे, तो क्या आप यहां रह पाएंगे। इस पर एसएचओ रामायण सिंह यह बोलते हुए सुनाई दे रहे हैं, “मैं यहां रहने का इच्छुक नहीं हूं। आपको यहां से हटवाना है, तो हटवा दीजिए।”

वीडियो में थाना प्रभारी पूर्व विधायक की तरफ मुखातिब होकर यह कहते सुने जा सकते हैं, “आप हर गलत आदमी की पैरवी करते हैं। चौकी में जाकर हमारे सिपाहियों के साथ मारपीट किए हैं। मेरे पास रिकॉर्डिंग है पैरवी किए जाने की।”

पूर्व विधायक इसके बाद यह कहते सुनाई दे रहे हैं, “बिल्कुल नहीं करता हूं, लेकिन आप मेरे कार्यकर्ता को अपमानित करेंगे, तो आप मर्यादित नहीं रहेंगे।” इसके बाद थाना प्रभारी कहते हैं, “आप अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे। मैं यहां तुम-तड़ाका सुनने के लिए नहीं बैठा हूं।” इसके बाद पूर्व विधायक कहते हैं, “मैं भी अपने कार्यकर्ता का अपमान बर्दाश्त करने के लिए नहीं बैठा हूं।”

पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह मामला संज्ञान में आया है और इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बैरिया के पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद उस्मान जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट देंगे, जिसके बाद मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बैरिया थाना क्षेत्र के दया छपरा गांव में तीन दिन पहले मारपीट की एक घटना हुई थी। भाजपा के अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के प्रदेश सचिव तारकेश्वर गोड़ का आरोप है कि वह इस मामले में बैरिया थाने पर रविवार को अपनी बात रखने गए थे, तो थाना प्रभारी रामायण सिंह ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें थाने से भगा दिया।

भाषा

सं आनन्द पारुल

पारुल