लखनऊ, नौ जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की ठंड और शीतलहर को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने गौवंश संरक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी गौवंश मवेशियों की ठंड के कारण मृत्यु न हो।
इसके लिए प्रदेशभर के गौ आश्रय स्थलों पर तिरपाल, अलाव, चारा, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।
सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि प्रदेश में 7,696 गौ आश्रय स्थलों पर 12,35,700 निराश्रित गौवंश मवेशी सुरक्षित रखे गये हैं। पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमित रूप से गौ आश्रय स्थलों का दौरा करें और वहां गौवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा, औषधि और देखभाल सुनिश्चित करें।
बयान के अनुसार साथ ही हर गौ आश्रय स्थल पर कार्यरत प्रभारी को रात में वहीं रुकने का निर्देश दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी गौ आश्रय स्थलों का नियमित निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि चारा, भूसा, पानी, प्रकाश आदि की कोई कमी ना हो। इसके अलावा, गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना का कार्य प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा करने पर जोर दिया गया है ताकि निराश्रित गौवंश को सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सके।
सरकार ने ग्राम्य विकास विभाग और अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिया है कि वे समन्वय बनाकर गौ संरक्षण के कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा करें। चारागाह भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने और मनरेगा के माध्यम से बहुवर्षीय और मौसमी चारे की बुआई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है।
राज्य सरकार ने सभी अवस्थापना संबंधी कार्यों को 25 फरवरी 2025 तक पूरा करने का निर्देश दिया है। यह सुनिश्चित किया गया है कि कार्यदायी संस्थाएं मानक और रूपरेखा के अनुसार उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य करें।
भाषा राजेंद्र
राजकुमार
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