Mahakumbh Stampede: महाकुंभ में भगदड़ से 10 लोगों की मौत की खबर, हादसे के बाद संतों ने की ये अपील

महाकुंभ में भगदड़ से 10 लोगों की मौत की खबर, हादसे के बाद संतों ने की ये अपील, 10 people reported dead in stampede at Maha Kumbh

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 07:45 AM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 08:34 AM IST

महाकुंभ नगरः Mahakumbh Stampede उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मौनी आमवस्या पर बुधवार को अमृत स्नान के दौरान भगदड़ मच गई। इसमें 10 लोगों की मौत की खबर है। कुछ को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा है। भगदड़ के बाद प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने आज मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। पीएम मोदी ने सीएम योगी से फोन पर बात की। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली।

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Mahakumbh Stampede जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने कहा कि मैं सभी भक्तों से अपील करता हूं कि क्योंकि आज प्रयागराज में भारी भीड़ उमड़ी है, इसलिए उन्हें केवल संगम घाट पर ही पवित्र डुबकी लगाने की जिद नहीं करनी चाहिए। आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मैं संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे संगम घाट पर स्नान करने की जिद न करें। केवल संगम घाट ही नहीं पूरी गंगा और यमुना नदियां अभी ‘अमृत’ हैं। महाकुंभ क्षेत्र में भगदड़ जैसी स्थिति पर साध्वी निरंजन ज्योति का कहना है कि यह एक दुखद घटना है। जो कुछ भी हुआ वह सही नहीं था। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अपना अमृत स्नान रद्द करने का फैसला किया है। एकत्रित श्रद्धालुओं की संख्या अनुमान से अधिक है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि पूरा मेला क्षेत्र कुंभ है, इसलिए वे केवल त्रिवेणी घाट पर ही नहीं बल्कि किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं।

रो पड़े प्रेमानंद पुरी महाराज

पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के महामंडलेश्वर प्रेमानंद पुरी हादसे के बाद रो पड़े। उन्होंने कहा-‘ हमने पहले ही कहा था कुंभ की सुरक्षा को आर्मी के हवाले किया जाए लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। प्रशासनिक व्यव्स्था से कुंभ कलंकित हो गया। इतनी जनता आने के बाद ये पुलिस के संभालने का काम नहीं हैं।इसी का परिणाम है कि किसी बाप का बेटा चला गया, किसी का कोई। बहुत दुखद समाचार है, मेरा मन बहुत व्यथित है। मैं अखाड़े में अपने साथियों से कहकर आया कि आपलोग यहां से ये अनाउंस मत कीजिए कि ये सब हो गया है। आप धीरे-धीरे अपने भक्तों से अपने कैंपों में लौटने के लिए कहिए। क्योंकि इससे वहां भी भगदड़ मचने की आशंका है।’

क्यों मची भगदड़?

दरअसल, महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान है, जिसके चलते करीब 5 करोड़ श्रद्धालुओं शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की संभावना है। स्नान करने के लिए श्रद्धालु मंगलवार से ही संगम तट पर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि फवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए।

संयम बरतने की अपील

मौके से सामने आए वीडियो के अनुसार कुछ महिलाओं और बच्चों को भी चोट लगी है। अभी हालात काबू में बताये जाते हैं। महाकुंभ नगर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने और संयम बरतने की अपील की है।

भारी भीड़ के चलते अखाड़ों ने स्नान रोका

मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान को भारी भीड़ के चलते शैव अखाड़ों ने रोक दिया है। महानिर्वाणी और निरंजनी अखाड़े के साधु संत एवं नागा संन्यासी स्नान को नहीं निकले। हजारों की संख्या में नागा संन्यासी छावनी में ही मौजूद हैं। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी का कहना है भारी भीड़ के चलते स्नान को रोका गया है। अगर स्थिति ठीक हुई तभी अखाड़े स्नान को निकलेंगे। अन्यथा स्नान को निरस्त कर दिया जाएगा।

महाकुंभ में भगदड़ क्यों मची? 

महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान संगम नोज पर भारी भीड़ और अफवाहों के कारण भगदड़ मच गई। इससे कुछ महिलाएं गिर गईं और कई लोग घायल हुए, जिनमें से 10 लोगों की मौत हो गई।

महाकुंभ में अमृत स्नान क्यों रद्द किया गया? 

भगदड़ और भारी भीड़ के कारण अखाड़ों ने प्रशासन के अनुरोध पर मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। सभी 13 अखाड़ों ने स्नान की व्यवस्था को रोक दिया है, ताकि स्थिति नियंत्रित हो सके।

महाकुंभ में कितने लोग प्रभावित हुए हैं? 

हादसे के बाद करीब 10 लोगों की मौत की खबर है, और कई लोग घायल हुए हैं। कुछ घायल लोग बेहोशी की हालत में अस्पताल भेजे गए हैं। घटनास्थल पर महिलाओं और बच्चों को भी चोटें आई हैं।

क्या महाकुंभ में अन्य स्नान स्थल भी खुले हैं? 

संतों और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे केवल संगम घाट पर ही स्नान करने की जिद न करें। महाकुंभ क्षेत्र के अन्य घाटों पर भी स्नान किया जा सकता है, क्योंकि गंगा और यमुना नदियां भी पवित्र हैं।

प्रशासन ने इस घटना के बाद क्या कदम उठाए हैं? 

प्रशासन ने भगदड़ की स्थिति पर काबू पाते हुए श्रद्धालुओं से संयम बरतने की अपील की है। अफवाहों पर ध्यान न देने और सभी श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की गई है।