उज्जैन के महाकाल बाबा की कुछ विशेष बातें | Some special things of Ujjain's Mahakal Baba

उज्जैन के महाकाल बाबा की कुछ विशेष बातें

उज्जैन के महाकाल बाबा की कुछ विशेष बातें

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 04:00 AM IST, Published Date : December 5, 2017/1:37 pm IST

उज्जैन नगरी में स्तिथ महाकाल ज्योतिर्लिंग, शिव जी का तीसरा ज्योतिर्लिंग कहलाता है।  यह एक मात्र ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है .महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य आकर्षणों में भगवान महाकाल की भस्म आरती, नागचंद्रेश्वर मंदिर, भगवान महाकाल की शाही सवारी आदि है। प्रतिदिन अलसुबह होने वाली भगवान की भस्म आरती के लिए कई महीनों पहले से ही बुकिंग होती है। इस आरती की खासियत यह है कि इसमें ताजा मुर्दे की भस्म से भगवान महाकाल का श्रृंगार किया जाता है लेकिन आजकल इसका स्थान गोबर के कंडे की भस्म का उपयोग किया जाता है परंतु आज भी यही कहा जाता है कि यदि आपने महाकाल की भस्म आरती नहीं देखी तो आपका महाकालेश्वर दर्शन अधूरा है.इसके बारे में कई तरह की मान्यताये प्रसिद्ध है. उज्जैन में कोई भी बड़ा आदमी या औरत रात नहीं  रुक सकते हैं , यदि उज्जैन में  रुके तो उनकी मृत्यु निश्चित है, क्योंकि उज्जैन के राजा हैं महाकाल ! उज्जैन के राजा विक्रमादित्य भी कभी उज्जैन में रात नहीं रुके.

 

 

. महाकाल मंदिर के सामने से कोई बारात नहीं निकलती क्योंकि बाबा के सामने कोई घोड़े पर सवारी नहीं कर सकता .

. कई लोगों ने मंदिर पर हमला करने की  सोची, वो दूसरे दिन फुटपाथ पर मरे पड़े मिले !.

. बाबा की सुबह होने वाली भस्म आरती शमशान कि चिता की राख से की जाती.