भारत का खूबसूरत पर्यटन स्थल अरुणाचल प्रदेश

भारत का खूबसूरत पर्यटन स्थल अरुणाचल प्रदेश

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  • Publish Date - November 23, 2018 / 10:31 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 05:25 PM IST

भारत में घूमने लायक बहुत से पर्यटन स्थल है। उनमें से एक खूबसूरत स्थल हैअरुणाचल प्रदेश जहां देखने लायक बहुत अधिक जगह है जहां जाने के बाद लोगो को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद मिलता है। आइये जाने अरुणाचल प्रदेश के बारे में।
ईटानगर
ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी है | यह अनेक प्रकार की ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों को अपने में संजोये हुये हैं | यह माना जाता है कि वर्तमान नगर 11वीं शताबदी के जितारी वंश के अंतिम राजा श्रीरामचंद्र की राजधानी मायापुर का ही नाम ईटानगर है | यह नये व पुराने दो शहरों में विभाजित है | इनके बीच की दूरी 10 किमी. है | बाजार, दुकानें, चिड़ियाघर, इनके अलावा राजभवन, बौद्ध, गुफा, सचिवालय, सुपर मार्किट भी देखे जा सकते हैं |गुवाहटी से ईटानगर के लिये सीधी बस सेवा उपलब्ध है | कोलकाता से रेल द्वारा रंगिया पहुंच कर तेजपुर पैसेन्जर से तेजपुर पहुंचकर बस द्वारा ईटानगर पहुंचा जा सकता है |

एलांग
यह नगर सियोग नदी के दक्षिणी तट पर बसा हुआ है | यह नगर पूर्वी सियांग जिले का मुख्यालय है | यहां पर प्राकृतिक सौंदर्य व्यापक मात्रा में उपलब्ध है | यहां, आदि असमिया, हिंदी व इंगलिश भाषाएं मुख्य रूपी से बोली जाती है | पर्यटन की दृष्टि से अक्टूबर से अप्रैल का समय सर्वाधिक उपयुक्त है |

रामकृष्ण मिशन आश्रम
अप्रैल प्रथम सप्ताह में मनाया जाने वाला मोपनी तथा सितंबर प्रथम सप्ताह में मनाया जाने वालों सोलंग यहां का प्रमुख त्यौहार है व पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है | रामकृष्ण मिशन आश्रम, दयनी पोले मंदिर, म्यूजियम व क्राफ्ट सैन्टर 25 किमी. दूर आकाशगंगा झरना आदि इसके प्रमुख दर्शनीय स्थल है | ईटानगर व लखीपुर से एलांग के लिये नियमित बस सेवा उपलब्ध है |

पासीघाट
सोलुंग लोकोत्साह, डिग्री कॉलेज आदि दर्शनीय है | यहां पहुंचने के लिये गुवाहाटी से मारकंगशेलेल पहुंचकर आगे की यात्रा बस, जीप व टैक्सी से की जाती है |

मालिनीथान
यह स्थान पश्चिमी सियांग जिले के लिखबाली नामक कसबे में स्थित है, यहां पर बोली जाने वाली प्रमुख भाषाओं में हिंदी और असमियां है | सड़क मार्ग द्वारा बस या कार से शिलापत्थर होते हुये यहां पहुंचा जा सकता है | यहां स्थित 14वीं-15वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर के भग्नावशेष पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है | इन भग्नावशेषों में इंद्र, एरावत, सूर्यदेवी, नंदी बैल की मूर्तियां विशेष रुप उल्लेखनीय है | यहां से 5 किमी. की दूरी पर स्थित पवित्र अकाशी गंगा जल प्रपात में पर्यटक/दर्शनार्थी स्नान कर अपने पापों को धोते हैं | यहां 800 वर्ष पुराना ताजमहल दर्शनीय है | इस स्थान का आकर्षण इसलिए भी है कि नवविवाहित श्रीकृष्ण व रुक्मणी को इस देवी मां का आशीर्वाद एक माला के रूप में प्राप्त हुआ था | ईटानगर से मालिनीनाथ बस द्वारा जाया जा सकता है |

विजय नगर
17वीं शताब्दी में बर्मा से बौद्ध बहुत अनुयायी यहां आये व उन्होंने यहां बौद्ध धर्म के स्तूप व बौद्ध विहार की स्थापना की | 1969 ई. में चंद्रबहादुर जमाई ने इस स्थान की खोज की | विजयनगर के लिये खेनसा से यातायात की सुविधा उपलब्ध है |

परशुराम कुण्ड
यह एक पवित्र हिंदू तीर्थ है | पौराणिक कथा करती है कि महातेजस्वी मुनि जमदग्नि की अर्दागिनी को इंद्र ने अपनी कामपिपासा का शिकार बनाया, उनके पुत्र भार्गव ने पिता द्वारा निर्धारित दण्ड के रुप में अपनी मां का शीश धड़ से अलग कर डाला व मतृहत्या के जघन्य पाप से मुक्त होने के लिये इसी कुण्ड में स्नान किया | माघी पूर्णिमा को यहां दर्शनार्थी स्नान कर अपने पापों का नाश करते हैं |दर्शन के इच्छुक पर्यटक तिनसुखिया से बस द्वारा परशुराम कुण्ड पहुंच सकते हैं | वैसे न्यू बोंगाई गांव से तेजू फिर जीप से व पैदल यात्रा कर परशुराम कुण्ड पहुंचा जा सकता है |