Karnataka Hijab Controversy: मद्रास हाई कोर्ट ने हिजाब विवाद पर हैरानगी जताते हुए कहा कि क्या सर्वोपरि है-‘राष्ट्र या धर्म।’ कर्नाटक में हिजाब से जुड़े विवाद को लेकर छिड़ी बहस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम एन भंडारी और न्यायमूर्ति डी भरत चक्रवर्ती की प्रथम पीठ ने कहा कि कुछ ताकतों ने ‘ड्रेस कोड’ को लेकर विवाद पैदा किया है और यह पूरे भारत में फैल रहा है।
पढ़ें- सोमवार से सभी कक्षाएं होंगी शुरू, यहां सरकार ने दिए आदेश
पीठ ने कहा, ‘‘यह सचमुच में स्तब्ध करने वाला है, कोई व्यक्ति हिजाब के पक्ष में है, कुछ अन्य टोपी के पक्ष में हैं और कुछ अन्य दूसरी चीजों के पक्ष में हैं। यह एक देश है या यह धर्म या इस तरह की कुछ चीज के आधार पर बंटा हुआ है।
पढ़ें- CGPSC Recruitment 2022: इन पदों पर निकली भर्ती, जानिए पद, वेतन और आवेदन से जुड़ी जानकारी
यह आश्चर्य की बात है।’’ न्यायमूर्ति भंडारी ने भारत के पंथनिरपेक्ष देश होने का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मौजूदा विवाद से कुछ नहीं मिलने जा रहा है लेकिन धर्म के नाम पर देश को बांटने की कोशिश की जा रही है।’’ उन्होंने कुछ जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणियां कीं।
पढ़ें- कब है महाशिवरात्रि ? जानिए तिथि और संपूर्ण पूजन विधि
वहीं, हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मामला सुलझने तक छात्रों को कोई भी ऐसा कपड़ा, चाहे हिजाब हो या भगवा स्कार्फ, नहीं पहनना चाहिए जो लोगों को भड़काए। सुनवाई कर रही बेंच के अध्यक्ष चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा कि हम संस्थान खोलने का आदेश देंगे। सब शांति बनाए रखें। जब तक हम मामला सुन रहे हैं, तब तक छात्र धार्मिक वस्त्र पहनने पर ज़ोर न दें। सोमवार को अगली सुनवाई होगी।
पढ़ें- आप भी एयरटेल यूजर हैं.. कंपनी ने शुरू की ‘एक्स्ट्रीम प्रीमियम’ वीडियो सेवा.. जानिए इसके बारे में