रायपुर। ऑनलाइन फूड डिलिवरी आपके के जेब पर भारी पड़ सकती है। जीएसटी काउंसिल कमिटी ने फूड डिलिवरी एप्स को कम से कम 5 फीसदी जीसएटी के दायरे में लाने की सिफारिश की है। ऐसे में Swiggy, Zomato आदि से खाना मंगाना महंगा पड़ सकता है। शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल कमिटी की मीटिंग होगी।
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बता दें कि शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग लखनऊ में होनी है। फिलहाल जो व्यवस्था है उससे सरकार को टैक्स में 2 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की बात कही गई है। जीएसटी काउंसिल के फिटमेंट पैनल ने सिफारिश की है कि फूड एग्रीगेटर को ई-कॉमर्स ऑपरेटर माना जाए।
इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी. यह भी कहा जा रहा है कि बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर विचार हो सकता है। इस बैठक में अन्य चीजों के अलावा कोविड-19 से संबंधित आवश्यक सामान पर रियायती दरों की समीक्षा हो सकती है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की मीटिंग 17 सितंबर को होनी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।