भोपाल – Madhya Pradesh Cabinet : मध्यप्रदेश में लंबे समय से कैबिनेट विस्तार की बात सामने आ रही है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार एवं बदलाव की खबर सामने आ रही है। दिसंबर तक मंत्रियों का फेरबदल किया जा सकता है। अगर अभी की बात की जाए तो सीएम को मिलाकर कैबिनेट में 31 सदस्य है। चार पद अभी भी खाली है। इन रिक्त पदों के साथ नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को बदला जा सकता है। हाल ही में हुई दो कोर कमेटियों में इस पर सहमति बन गई है। क्योंकि कुछ मंत्रियों की शिकायतें भी कोर कमेटी तक पहुंची हैं।
Madhya Pradesh Cabinet : पुख्ता सूत्रों की माने तो इस फेरबदल में इसमें 10 से 12 नए चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल नवंबर माह में ही संभावित था, लेकिन अब इसे गुजरात चुनाव तक रोका गया है। गुजरात के नतीजे 8 दिसंबर को आ जाएंगे। इसके बाद मध्य प्रदेश में विधानसभा का शीतकालीन सत्र होगा। इसी के बाद बदलाव होगा इसके लिए बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। नए फेरबदल में क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण का ध्यान रखा जाएगा ! फिलहाल शिवराज कैबिनेट 30 फीसदी मंत्री क्षत्रिय हैं। वहीं 25 फीसदी ओबीसी है। इसके अलावा कुल संख्या में से तीन एससी और चार एसटी हैं ! मौजूदा कैबिनेट के 6 मंत्रियों पर सत्ता और संगठन दोनों की नजर हैं, जिनके कामकाज की रिपोर्ट सही नहीं है इसमें बुंदेलखंड के दो, मालवा-निमाड़ से एक, ग्वालियर संभाग के एक, मध्यभारत से एक और विंध्य से एक मंत्री शामिल हैं।
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प्रदेश शिवराज कैबिनेट में अगर क्षत्रिय की बात करें तो 30 में से 10 मंत्री क्षत्रिय है। जिनके नाम क्रमश: महेंद्र सिंह सिसोदिया, गोविंद सिंह राजपूत, अरविंद सिंह भदौरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, यशोधरा राजे सिंधिया, बृजेंद्र प्रताप सिंह, ऊषा ठाकुर, इंदर सिंह परमार और ओपीएस भदौरिया है।
वहीं अगर ओबीसी वर्ग की बात करें तो प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को मिलाकर कुल आठ सदस्य कैबिनेट में है। जो इस प्रकार है— भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, मोहन यादव, भारत सिंह कुशवाह, रामकिशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव और सुरेश धाकड़ हैं।
वहीं तीन एससी और चार एसटी वर्ग से है। गदीश देवड़ा, तुलसी सिलावट और प्रभुराम चौधरी। एसटी में विजय शाह, बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह और प्रेम सिंह।
Madhya Pradesh Cabinet : शिवराज कैबिनेट की बात करें तो फेयरबदल के बाद नए मंत्रियों में एसीसी से भोपाल के विष्णु खत्री, गुना के जजपाल सिंह जज्जी और जतारा से हरीशंकर खटीक। वहीं ब्राह्मण कोटे से वर्तमान नरोत्तम मिश्रा और गोपाल भार्गव हैं। इनमें नए चेहरों से रीवा से राजेन्द्र शुक्ला एवं शरदेंदू तिवारी, कटनी से संजय पाठक और भोपाल से रामेश्वर शर्मा शामिल हो सकते है। ओबीसी से मनोज चौधरी व महेंद्र हार्डिया, एसटी से सुलोचना रावत तो अनारक्षित से चेतन कश्यप के नाम सामने आ सकते है।
प्रदेश के 6 में से 8 जिला अध्यक्षों को बदलने की बात सामने आ रही है। जिनमें से सिंगरौली, झाबुआ, शाजापुर, मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, सतना शामिल हो सकते है।
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Madhya Pradesh Cabinet : अगर देखा जाए तो मंत्रिमंडल के बदलाव के साथ ही सरकार आगामी विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों भी जुट गई है। नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में जगह देकर पुराने मंत्रियों को चुनाव की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बीजेपी पहले ही अपने पत्ते खोल चुकी है कि इस बार चुनाव में मंत्री जिलों में जाकर उम्मीदवारों का साथ देंगे। इसी के साथ ऐसी आशंका जताई जा रही है कि बीजेपी बचे हुए चेहरों को मौका देकर आगामी चुनाव में नए चेहरों पर दाव खेल सकती है।
हालांकी साथ ही यह भी देखना होगा की आगामी चुनाव 2023 में सिंंधिंया सर्मथक में से किसका रास्ता साफ तो किसका पत्ता कट सकता हैं। वहीं ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव से इस मंत्रिमंडल के बदलाव के साथ ही बीजेपी नया मास्टर चुनावी प्लान तैयार कर सकती हैं। क्योंकि अब पुराने मंत्री को नए मंत्रिमंडल में वापस लाया जा रहा है जैसे कि कटनी विजराघवगढ से संजय सत्येन्द्र पाठक, पूर्व प्रदेश ऊर्जा मंत्री रीवा से राजेन्द्र शुक्ला के नामों को भी शामिल किया गया है। इन तजुर्बकार चेहरों को वापस लाने के पीछे बीजेपी का नया फार्मूला तैयार हो रहा है।