नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को उत्पाद शुल्क नीति मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति (K Kavitha’s remand extended till 23 April) एमएलसी के कविता की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल, 2024 तक बढ़ा दी हैं। विशेष न्यायाधीश, कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें कहा गया था कि उसने गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है और इसलिए उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ाई जानी चाहिए।
वकील नितेश राणा कविता की ओर से पेश हुए और ईडी का विरोध किया। याचिका में कहा गया है कि उसकी गिरफ्तारी के बाद से इसमें कुछ भी नया नहीं है, कोई नया आधार नहीं है। आवेदन में कुछ भी उल्लेख नहीं है। इस बीच, अदालत ने के कविता को व्यक्तिगत/मौखिक रूप से संबोधित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह अपनी दलीलें लिखित रूप में दे सकती हैं।
दूसरी तरफ नवीन कुमार मटका और साइमन बेंजामिन के साथ वकील ज़ोहेब हुसैन प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश हुए। मामले में वकील नितेश राणा, दीपक राणा और मोहित राव आरोपी के कविता की ओर से पेश हुए।
गौरतलब हैं कि हाल ही में अदालत ने आने वाले सप्ताह के किसी भी दिन तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत के दौरान के कविता से पूछताछ करने की सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया था। (K Kavitha’s remand extended till 23 April) आवेदन के माध्यम से, सीबीआई ने बुच्ची बाबू के फोन से बरामद व्हाट्सएप चैट और भूमि सौदे के दस्तावेजों के संबंध में बीआरएस नेता के कविता से पूछताछ करने और बयान दर्ज करने की इजाजत अदालत से मांगी, जिसमें कथित तौर पर किकबैक में आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में 15 मार्च, 2024 को तेलंगाना विधान परिषद की एमएलसी के कविता को गिरफ्तार किया। 15 मार्च, 2024 को हैदराबाद में के. कविता के आवास पर भी तलाशी ली गई थी। ईडी ने एक बयान के माध्यम से कहा, तलाशी कार्यवाही के दौरान, ईडी अधिकारियों को के. कविता के रिश्तेदारों और सहयोगियों द्वारा रोका गया था। ईडी की जांच से पता चला है कि के कविता ने अन्य लोगों के साथ मिलकर दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ पाने के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया सहित AAP के शीर्ष नेताओं के साथ साजिश रची। इसके बदले में वह AAP के नेताओं को 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने में शामिल थी।