नई दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) यूक्रेन में मेडिकल यूनिवर्सिटी के छात्र कीर्तन कलाथिया कीव से लंबी यात्रा के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद अपने राज्य गुजरात के अपने चार दोस्तों के साथ गुजराती में बातें करते और हंसते दिखे। जब वे मंगलवार आधी रात के करीब पास के एक टैक्सी-बे के पास खड़े थे, उनमें से एक रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन की स्थिति पर नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने मोबाइल फोन पर कीव पोस्ट के इंस्टाग्राम पेज को देख रहा था।
खार्किव से चेर्नित्सि तक, यूक्रेन के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले भारतीय छात्र और पेशेवर मंगलवार रात 11 बजे से दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अलग-अलग उड़ानों में पहुंचे। छात्रों ने यहां पहुंचने के तुरंत बाद पीटीआई-भाषा से बातचीत की और उनमें से अधिकतर ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीय दूतावास द्वारा जारी सलाह का पालन किया। छात्रों के हवाई अड्डे से बाहर निकलने के बाद टेलीविजन मीडिया के कैमरामैन और पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया क्योंकि पत्रकार यूक्रेन की स्थिति जानना चाहते थे।
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कलाथिया (19) और उनके दोस्त, भावनगर जिले के नीरव पटेल और विनीत पटेल और अहमदाबाद के पास सुरेंद्रनगर जिले के कृष राज और प्रियांश हुड्डा, चेर्नित्सि के बुकोविनियन स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमयू) में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र हैं। चेर्नित्सि पश्चिमी यूक्रेन का एक नगर है जिसे भव्य स्थापत्य इमारतों के लिए जाना जाता है।
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हुड्डा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जब हम कीव से अपनी उड़ान में सवार हुए तो हम थोड़े तनाव में थे, लेकिन भारत पहुंचने के बाद हम तनावमुक्त महसूस कर रहे हैं।’’ कलाथिया नीले रंग की जैकेट पहने हुऐ थे और अपनी चिंता को दूर करने के लिए अपने दोस्तों के बीच मजाक कर रहे थे। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘‘हम यूक्रेन से सुरक्षित वापस आये, लेकिन हवाई अड्डे पर निकास द्वार से बाहर आते ही हमें मीडियाकर्मियों ने घेर लिया। इससे हमारी घबराहट बढ़ गई।’’
बीएसएमयू 75 वर्ष से अधिक पुराना चिकित्सा संस्थान है और इसकी स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान की गई थी। हालांकि जब भारतीयों ने यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में दाखिला लिया था तब युद्ध की बात उनके दिमाग में कहीं दूर दूर तक नहीं थी। हाल के हफ्तों में, यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ रहा है और सोमवार को रूस ने पूर्वी यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी। मंगलवार को कीव में भारतीय दूतावास ने बढ़ते तनाव के बीच भारतीय छात्रों को अस्थायी रूप से देश छोड़ने के लिए कहा।
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दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय छात्र, दिल्ली-एनसीआर के रहने वाले छात्र घर पहुंच गए थे, अन्य स्थानों के रहने वाले छात्र अपने-अपने शहरों में जाने के लिए घरेलू उड़ानों के इंतजार में थे। वहीं बीएसएमयू के गुजरात के रहने वाले छात्र बुधवार शाम को अहमदाबाद के लिए ट्रेन लेंगे। इनमें ज्यादातर मेडिसिन की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने देश वापस आकर खुश हैं। रांची के अपूर्व भूषण और राजकोट के हार्दिक डोगरा कीव में बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं। वे मंगलवार रात करीब 11:40 बजे एयर इंडिया की उड़ान से दिल्ली पहुंचे। भूषण ने कहा कि वह बेंगलुरु के लिए उड़ान भरेंगे, जबकि डोगरा ने बुधवार तड़के दिल्ली से राजकोट के लिए उड़ान भरी।
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भूषण ने कहा, ‘‘हमें अपने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप पर भारतीय दूतावास का परामर्श मिला था। इसमें कहा गया था कि यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को देखते हुए छात्रों को अस्थायी रूप से देश छोड़ देना चाहिए, इसलिए, हमने परामर्श का पालन किया और चले आए।’’ उन्होंने आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में प्रसारित परामर्श की एक प्रति भी दिखाई। 22 वर्षीय अनिल राप्रिया, खार्किव शहर की खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी (केएनएमयू) में एमबीबीएस के चौथे वर्ष के छात्र हैं। उन्होंने दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने के बाद कहा, ‘‘मैं अपने देश में वापस आकर खुश महसूस कर रहा हूं।’’
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘वहां घबराने की कोई बात नहीं है। मैं अभी भारत आया हूं क्योंकि भारतीय दूतावास ने हमें यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए अस्थायी रूप से देश छोड़ने के लिए कहा है।’’ राप्रिया का परिवार दिल्ली के नांगलोई में रहता है। गुरुग्राम के रहने वाले रतन सिंह हाथ में माला लिए अपने 20 वर्षीय बेटे शिवम चौधरी के दिल्ली हवाई अड्डे पर आने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा बेटा चेर्नोबिल में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष का छात्र है। यह माला विशेष रूप से मेरे प्यारे बेटे का स्वागत करने के लिए है, मुझे खुशी है कि वह यूक्रेन में तनावपूर्ण स्थिति के बीच सुरक्षित घर वापस आ रहा है।’’