बारिश के बाद भारी बर्फबारी से सैकड़ों सड़कें, बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप, हजारों गांवों में ब्लैकआउट.. बर्फबारी का अलर्ट अब भी जारी

बारिश के बाद भारी बर्फबारी से सैकड़ों सड़कें, बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप, हजारों गांवों में ब्लैकआउट.. बर्फबारी का अलर्ट अब भी जारी

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  • Publish Date - February 6, 2022 / 01:03 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

power transformers stalled : शिमला। प्रदेश में शुक्रवार को हुई भारी बारिश और बर्फबारी के चलते शनिवार को भी राज्में  दो नेशनल हाईवे शिमला-रामपुर और आनी जलोड़ी जोत के अलावा 603 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं। हालांकि शाम तक शिमला-रामपुर एनएच से बर्फ हटा दी थी, लेकिन वाहनों के लिए अभी बंद रखा है। राज्य भर में शाम आठ बजे तक 487 ट्रांसफार्मर बंद पड़े थे। इससे सिरमौर के 1000 और कुल्लू के भी 150 गांवों में ब्लैकआउट की स्थिति है।

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शनिवार को भले ही प्रदेश भर में धूप खिली रही, लेकिन दुश्वारियां कम नहीं हुईं। सड़कें बहाल करने के लिए सरकार ने लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। विभाग ने 700 मशीनें जेसीबी, डोजर आदि सड़क बहाल करने के लिए लगाई हैं, वहीं 18 हजार कर्मचारियों को फील्ड में लगाया है। पहाड़ों में हुई भारी बर्फबारी के बाद सासे ने पूरे हिमालय क्षेत्र में हिमखंड गिरने की चेतावनी जारी की है।

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विभाग ने 400 निजी ठेकेदारों से जेसीबी और डोजर हायर किए हैं। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि मैदानों में रविवार से मौसम साफ होगा तो कुछ मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। शनिवार को मौसम साफ होते ही केलांग-मनाली मार्ग फोर-बाई-फोर वाहनों के लिए बहाल हो गया है।

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शिमला में भारी बर्फबारी के बाद बाहरी क्षेत्रों से राजधानी का सड़क संपर्क कटने के बाद सैलानियों के लिए रेल बड़ा सहारा साबित हुई। शनिवार सुबह बड़ी संख्या में सैलानियों ने कालका-शिमला के बीच टॉय ट्रेन में आवाजाही की। शनिवार को कालका से शिमला और शिमला से कालका के लिए रेल मोटरकार, शिवालिक डीलक्स एक्सप्रेस, हिमालयन क्वीन, कालका-शिमला-एक्सप्रेस, कालका-शिमला-पैसेंजर और हिमदर्शन विस्ताडोम एक्सप्रेस सवारियों से पैक रहीं।

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वाहनों की आवाजाही ठप होने से शिमला शहर में सुबह दूध, ब्रेड व अन्य दैनिक जरूरत से संबंधित वस्तुओं की आपूर्ति नहीं हो पाई। दूध के ट्रक शोघी में ही फंसे रहे। बाहर से शिमला लौट रहे लोग 15 से 20 किलोमीटर पैदल चलकर शहर में पहुंचे। कई जगह अभी भी सड़कों पर पेड़ गिरे पड़े हैं। वन विभाग ने शनिवार को भी शहर में पेड़ ढहने की आशंका जताते हुए अलर्ट रहने को कहा है। बर्फबारी से शहर में 20 से ज्यादा पेड़ गिर चुके हैं।

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शनिवार सुबह भी कई जगह पेड़ गिरे। घरों, बिजली तारों और गाड़ियों पर गिरे इन पेड़ों से भारी नुकसान हुआ है। विकासनगर में कार पर पेड़ गिर गया। इससे कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। भराड़ी में भी सड़क पर देवदार का पेड़ गिर गया। इसी तरह भुंतर-मणिकर्ण के चोज नामक जगह पर शुक्रवार रात को एक विशालकाय पेड़ गिरने से एक कार क्षतिग्रस्त हो गई है। मार्ग रात 10 बजे से अवरूद्ध हुआ और दोनों तरफ स्थानीय लोगों के साथ कई पर्यटक वाहन फंसे रहे।